लाइव न्यूज़ :

महिला और पुरुष के विवाहेत्तर संबंध अपराध नहीं, जानिए SC के फैसले की मुख्य बातें

By भाषा | Updated: September 28, 2018 00:14 IST

व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को इससे संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को ‘पुरातन’ और ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निरस्त कर दिया।

Open in App

नई दिल्ली, 27 सितंबर: व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को इससे संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को ‘पुरातन’ और ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निरस्त कर दिया। उच्चतम न्यायालय द्वारा गुरुवार को व्याभिचार के दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

1. व्याभिचार अपराध नहीं है।2. ब्रिटिश काल का व्याभिचार रोधी कानून, भादंसं की धारा 497 को असंवैधानिक होने के नाते निरस्त किया जाता है।3. कानून महिलाओं की व्यैक्तिकता को नुकसान पहुंचाता है और उनके साथ पतियों की ‘‘संपत्ति’’ और ‘‘गुलाम’’ जैसा व्यवहार करता है।4. 158 साल पुरानी भादंसं की धारा 497 पूरी तरह से एकतरफा, पुरातनपंथी और महिलाओं के साथ समानता तथा समान अवसर के अधिकारों का उल्लंघन है।5. गरिमापूर्ण मानवीय अस्तित्व में स्वायत्तता आंतरिक हिस्सा है और धारा 497 महिलाओं को उनकी ‘‘यौन संबंधी स्वायत्तता’’ से वंचित करती है।6. महिलाओं के साथ असमान व्यवहार संविधान के प्रतिकूल है।7. व्याभिचार अतीत का अवशेष है।8. हालांकि व्याभिचार को दीवानी गलती मानना जारी रखना चाहिए।9.. व्याभिचार विवाह विच्छेद या तलाक का आधार हो सकता है।10. केवल व्याभिचार अपराध नहीं हो सकता लेकिन अगर कोई पीड़ित पक्ष जीवन साथी के व्याभिचार वाले संबंधों के कारण खुदकुशी करता है, और अगर साक्ष्य पेश किये जाते हैं तो इसे खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला माना जा सकता है।11. व्याभिचार पर दंडात्मक प्रावधान और विवाह के खिलाफ अपराधों के अभियोजन से निपटने वाली सीआरपीसी की धारा 198 असंवैधानिक है।12. महिलाओं के साथ असमानता वाला व्यवहार करने वाला प्रावधान संवैधानिक नहीं है और यह कहने का समय आ गया है, ‘‘पति, महिला का मालिक नहीं है।’’

टॅग्स :आईपीसी धारा-497सुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई