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गलवान घाटी में झड़प वाली जगह से महज 1 किलोमीटर पीछे हटी अतिरिक्त चीनी सेना, तनाव कम करने की कोशिश

By अनुराग आनंद | Updated: June 25, 2020 16:33 IST

चीन की कुछ सेना और वाहन गलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गई है।

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ठळक मुद्देगलवान घाटी में झड़प के बाद यह पहली बार है, जब चीन की सेना पीछे हटी है।चीनी सेना गलवान के ही दूसरे हिस्सों में लगातार सैन्य जमावड़ा बढ़ा रही है।डेप्सांग सेक्टर दौलतबेग ओल्डी से पूर्व की दिशा में भी चीनी सेना भारतीय सेना को गश्त लगाने से रोक रही है।

नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच एक खबर आ रही है कि गलवान घाटी में जिस जगह झड़प हुई थी, वहां से चीन के अतिरिक्त बल 1 किलोमीटर पीछे हटे हैं।

इसके अलावा, पहले से मौजूद चीन की सेना के जवान वहां अब भी तैनात हैं। दरअसल, चीन सेना की तरफ से जो भारतीय सेना को आश्वासन दिया गया था, उसके तहत ही चीन की अतिरिक्त सेना महज एक किलोमीटर पीछे हटी है। 

दरअसल, सीमा पर जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर पर कई मीटिंग हुई थीं। इस दौरान दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने को राजी हुई थे।

डेप्सांग सेक्टर दौलतबेग ओल्डी से पूर्व की दिशा में भी चीनी घुसपैठ -

सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के बीच चीन भारतीय सीमा पर अपनी सेनाएं बढ़ा रहा है। चीन ने सिर्फ पूर्वी लद्दाख में ही नहीं, बल्कि उत्तरी लद्दाख में भी भारतीय दावे वाले क्षेत्र में घुसपैठ की है।

हालांकि, इस बारे में सेना की तरफ से कोई बयान नहीं आया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में आई सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि डेप्सांग सेक्टर में भी चीनी सेना की उपस्थिति देखी गई है। यहां चीन से कुछ स्थाई निर्माण के साथ ही टेंट भी लगा लिए हैं। साथ ही दो सड़कें भी बनाई हैं।  उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ में खुलासा चिंताजनक है।

सूत्रों का कहना है कि ये तस्वीरें जून महीने की हैं। चीनी सेना की हलचल को देखते हुए इस इलाके में बड़े पैमाने पर भारतीय सुरक्षा बल मौजूद है। इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। डेप्सांग सेक्टर दौलतबेग ओल्डी से पूर्व की दिशा में है और लद्दाख का यह उत्तरी इलाका है।  

डेप्सांग का इलाका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा स्पष्ट नहीं है और 20 किलोमीटर इस क्षेत्र पर दोनों देशों के अलग-अलग दावे हैं। इस इलाके में दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करती है और समझौतों के तहत किसी भी को भी स्थाई निर्माण करने की अनुमति नहीं है। चीन ने निर्माण कर समझौते का उल्लंघन किया है।

सीमा पर दोहरा रवैया अपना रहा है चीन

चीन क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारत के साथ सैन्य और कूटनीतिक वार्ता करने के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो, गलवान घाटी और अन्य संघर्ष बिन्दुओं पर अपनी सैन्य उपस्थिति भी बढ़ा रहा है। इन घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह सूचना दी। उन्होंने बताया कि चीन ने गलवान घाटी में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। 

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में चीन द्वारा निगरानी चौकी का निर्माण किए जाने के कारण यह संघर्ष हुआ था। लेकिन, भारत के कड़े रूख के बावजूद चीन की सेना ने फिर से 14वें गश्त बिन्दु के पास-पास कुछ ढांचा खड़ा किया है। पिछले कुछ दिन से चीन गलवान घाटी पर दावा कर रहा है, लेकिन भारत इसे ऐसा दावा बता रहा है जिसमें कोई तथ्य नहीं है। पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। 

बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे। उपरोक्त जानकारी देने वाले लोगों ने ही बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं।

टॅग्स :चीनइंडियालद्दाखभारतीय सेना
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