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बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने पकड़ी शिक्षक की चालाकी, स्कूल के बदले दुकान पर कर रहे थे मटरगश्ती

By एस पी सिन्हा | Updated: April 7, 2025 14:54 IST

एस. सिद्धार्थ ने प्रधानाध्यापक को शिक्षण व्यवस्था में नवाचार अपनाने, छात्रों के सीखने के स्तर को बेहतर करने और स्कूल में अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के समग्र विकास में भी अहम है।

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पटना: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने आज एक बार फिर से फोन-वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों में जांच शुरू कर दी है। सोमवार को उन्होंने पूर्वी चंपारण के हरसिद्धी प्रखंड के जीएमएस मुरारपुर के शिक्षक को फोन लगा दिया। गुरु जी स्कूल छोड़कर बाहर मटरगश्ती कर रहे थे। 

एस. सिद्धार्थ ने गुरु जी की पोल खोली तो उन्हें जवाब देते नहीं बन रहा था। दरअसल, एस. सिद्धार्थ ने मिडिल स्कूल मुरारपुर के एक शिक्षक को फोन लगाया। फोन करते ही पूछा...हेलो, रितेश कुमार वर्मा जी बोल रहे हैं? उधर से जवाब आया जी सर। 

इसके बाद एस. सिद्धार्थ ने पूछा कि रितेश जी आप स्कूल में हैं क्या? शिक्षक ने जवाब दिया। सर 2 मिनट में आ रहे हैं, सर दुकान पर हैं। इस पर एसीएस ने कहा कि स्कूल की बजाय दुकान में क्या कर रहे हैं? जवाब आया- सर आ रहे हैं। 

एस. सिद्धार्थ ने शिक्षक से पूछा बच्चों को पढ़ाने में मन नहीं लग रहा है? वीडियो ऑन करिए वीडियो वाला फोन नहीं है? आप दुकान पर क्या कर रहे हैं? आप क्या कर रहे थे दुकान पर बताइए। आप स्कूल में टाइम पर नहीं जाते हैं क्या? अटेंडेंस लगा करके स्कूल से गायब हो गए इसका मतलब यही हुआ ना? 

आपने सुबह में अटेंडेंस लगाया और घर से भाग गए। अभी 11:30 बजा है, अपने स्कूल कैसे छोड़ दिया? आप स्कूल में नहीं हैं, शिक्षक बोला- नहीं कर स्कूल में आ गए हैं सर, दूसरे शिक्षक से बात कराइए। 

इस तरह से शिक्षा विभाग के एसीएस एस. सिद्धार्थ ने गुरु जी के खेल को पकड़ लिया। इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने पूर्वी चंपारण के डीईओ को स्वयं स्कूल में जा कर जांच करने के आदेश दिए हैं। उसी तरह सीतामढ़ी जिले के बोखरा प्रखंड अंतर्गत मिडिल स्कूल बनौल के प्रधानाध्यापक से सीधे वीडियो कॉल पर बातचीत की। 

बातचीत के दौरान एसीएस ने स्कूल में बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों को नियमित, शिक्षण-पद्धति, पाठ्यक्रम की प्रगति और स्कूल की साफ-सफाई जैसे मुद्दों पर विस्तार से जानकारी ली। प्रधानाध्यापक ने उन्हें विद्यालय की मौजूदा स्थिति, संसाधनों की उपलब्धता और आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया। 

एस. सिद्धार्थ ने प्रधानाध्यापक को शिक्षण व्यवस्था में नवाचार अपनाने, छात्रों के सीखने के स्तर को बेहतर करने और स्कूल में अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के समग्र विकास में भी अहम है।

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