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बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सर्दी के कारण स्कूलों को बंद करने पर उठाया सवाल

By एस पी सिन्हा | Updated: January 20, 2024 17:06 IST

केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों से पूछा है कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं? अगर इतनी सर्दी और शीतलहर है तो सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें और व्यावसायिक संस्थान कैसे चल रहे हैं?

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ठळक मुद्देबिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लंबी छुट्टी के बाद काम पर वापस लौटते ही एक्शन में आएउन्होंने सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने के आदेश को अवैध करार दिया हैउन्होंने सभी जिलाधिकारियों से पूछा- बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं?

पटना: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लंबी छुट्टी के बाद काम पर वापस लौटते ही जबर्दस्त एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने के आदेश को अवैध करार दिया है। केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों से पूछा है कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं? अगर इतनी सर्दी और शीतलहर है तो सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें और व्यावसायिक संस्थान कैसे चल रहे हैं?

केके पाठक ने बिहार के सारे कमिश्नर को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों सर्दी और शीतलहर के चलते विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए। इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बंद किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है। जब प्रशासन कानून की कोई धारा को लागू करता है तो यह ख्याल रखना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक पैमाने पर खरा उतरे। 

पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बंद किया गया है, लेकिन अन्य संस्थानों मामलों का जिक्र नहीं किया गया है। जैसे कि जिले के कोचिंग संस्थाओं, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थानों की गतिविधियों या समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है। केके पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि स्कूल बंद कराने वाले जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी या शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है। 

उधर केके पाठक के आदेश को नालंदा और गया के जिलाधिकारियों ने धत्ता बताते हुए स्कूलों में छुट्टी बढा दी है। नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने अब 23 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं, गया के डीएम ने स्कूलों को 24 जनवरी तक स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। डीएम ने प्री स्कूल से लेकर वर्ग 8 तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है।

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