लाइव न्यूज़ :

कोरोना वायरस का एक साल: कोरोना वॉरियर्स ने महामारी के समय की चुनौतियों को याद किया

By भाषा | Updated: February 28, 2021 17:12 IST

Open in App

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 28 फरवरी पिछले साल कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में दिल्ली के प्रमुख केन्द्र रहे सरकारी अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल(एलएनजेपी) में मरीजों को देखने के समय चिकित्सकों को प्रचंड गर्मी के बीच लगभग 18 घंटे तक पीपीई किट पहननी पड़ती थी और शवगृह शवों से भर गये थे।

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद लगभग एक साल गुजर गया है, और इस महामारी के दैनिक मामलों और मौत की संख्या दोनों में काफी कमी आई है और अब अस्पतालों के गलियारों और शवगृहों के बाहर टीकाकरण के बारे में बात होती है।

शहर में एक मार्च को कोविड-19 का पहला मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले दुनिया में चीन के वुहान में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था।

वर्ष 1918 के स्पैनिश फ्लू के बाद से दुनिया ने ऐसा कुछ भी नहीं देखा था और निश्चित रूप से भारत में ऐसा नहीं हुआ था। क्योंकि दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में इस महामारी के मामले सामने आने लगे, इसलिए वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा मार्च के अंत में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया।

इस महामारी की वजह से ज्यादातर लोग कई महीनों तक अपने घरों तक ही सीमित हो गये और घर में रहते हुए काम करना एक सामान्य बात हो गई। स्वास्थ्यकर्मियों को महामारी के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा क्योंकि डॉक्टर, नर्स बिना साप्ताहिक अवकाश और आराम के दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे रहे। स्वास्थ्यकर्मियों को कई दिनों, सप्ताह या महीनों तक अपने परिवार के सदस्यों से दूर रहना पड़ा।

दो हजार बिस्तरों वाले एलएनजेपी अस्पताल में 35 वर्षीय एक डॉक्टर अमित आनंद ने कहा, ‘‘दिल्ली में कोविड-19 को एक वर्ष हो गया है और मैं एक वर्ष के बाद घर में अपने परिवार से मिला।’’

आनंद यहां महामारी सामने आने के बाद से अस्पताल में ड्यूटी पर थे। बिहार के बेगूसराय निवासी आनंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं अपनी पत्नी और ढ़ाई साल के बेटे से फरवरी में बोकारो में मिला और वह लगभग मुझे पहचान नहीं पाया। महामारी ने सचमुच हमें हमारे परिवारों से अलग कर दिया। लेकिन हमें अपना काम करना होगा, जिसे हमने चुना है, ताकि हमें इस कठिन समय में प्रेरणा मिले।’’

दिल्ली में एलएनजेपी ऐसा पहला अस्पताल है जिसे समर्पित कोरोना वायरस केन्द्र के रूप में बदला गया था और इसके बाद राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल और अन्य सरकारी अस्पतालों को इसमें शामिल किया गया। बाद में मरीजों की संख्या बढ़ने पर निजी अस्पतालों में भी कोविड के इलाज के वास्ते बिस्तरों को आरक्षित किया गया।

दिल्ली में इस महामारी के सामने आने के बाद 23 जून को राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के एक दिन में 3,947 मामले सामने आये थे जो उस समय तक सबसे अधिक थे।

अस्पताल में आपात विभाग की प्रमुख रितु सक्सेना ने कहा, ‘‘मरीजों का इलाज करने के लिए डॉक्टरों को 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में 18 घंटे तक पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट पहननी पड़ती थी।’’

इसके बाद दिल्ली को सितम्बर और नवम्बर में महामारी की दूसरी और तीसरी लहर का सामना करना पड़ा था।

दिल्ली में 11 नवम्बर को एक दिन में सबसे अधिक 8,593 मामले सामने आये थे जबकि 19 नवम्बर को कोविड-19 से 131 मरीजों की मौत हुई थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs SA 5th T20I: भारत ने 3-1 से जीती T20I सीरीज़, आखिरी मैच में दक्षिण अफ्रीका को 30 रन से हराया, वरुण चक्रवर्ती ने झटके 4 विकेट

भारतचुनाव वाले तमिलनाडु में SIR के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 97 लाख नाम हटा गए

बॉलीवुड चुस्कीBetting App Case: सट्टेबाजी ऐप मामले में उरावशी रौतेला, युवराज सिंह, सोनू सूद पर ईडी की कार्रवाई

क्रिकेट4,4,4,4,4,4,4,4,4,4,6 तिलक वर्मा की 73 रनों की शानदार पारी, पांचवा टी20 मैच

भारतGujarat: एसआईआर के बाद गुजरात की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 73.7 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए

भारत अधिक खबरें

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका 2026ः सभी 227 सीट पर चुनाव, 21 उम्मीदवारों की पहली सूची, देखिए पूरी सूची

भारतWeather Report 20 December: मौसम विभाग ने इन राज्यों में घने कोहरे के लिए रेड और येलो अलर्ट जारी किया

भारतहरियाणा सरकार पर जनता का नॉन-स्टॉप भरोसा, मुख्यमंत्री

भारतमध्य प्रदेश: '2047 तक प्रदेश की इकोनॉमी 2.5 ट्रिलियन डॉलर होगी', मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित

भारतBMC छोड़ सभी निकायों में सीट बंटवारा पूरा?, राज और उद्धव ठाकरे में गठजोड़, ऐलान 20-25 दिसंबर के बीच