तिरूवनंतपुरम, 28 दिसंबर बाल यौन उत्पीड़न के खिलाफ लगातार अभियान चलाते हुये पुलिस ने केरल में छह से 15 साल के बच्चों की आपत्तिजनक तस्वीरें एवं वीडियो साझा करने के आरोप में कम से कम 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । गिरफ्तार किये गये लोगों में अच्छी नौकरियां करने वाले युवक भी शामिल हैं । पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी ।
पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ युवाओं पर बच्चों की तस्करी में शामिल होने का संदेह है । इसमें कहा गया है कि पूरे प्रदेश के 596 स्थानों पर रविवार को की गयी छापेमारी के बाद ये गिरफ्तारियां हुयी है ।
बयान में कहा गया है कि ये छापेमारी पुलिस की बाल यौन शोषण नियंत्रण इकाई ने की ।
बाल यौन शोषण के खिलाफ अभियान को ''पी—हंट—20.3'' कूट नाम दिया गया है । इस साल यह तीसरा मौका है जब छापेमारी की गयी है । इससे पहले जून एवं अक्टूबर में की गयी छापेमारियों के दौरान कुल 88 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से कई युवा सूचना प्रौद्योगिकी में पारंगत थे ।
बयान में कहा गया है कि टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप पर 400 से अधिक सदस्यों वाले कई समूह संचालित हो रहे हैं । ताजा कार्रवाई के दौरान इन सबकी पहचान की गयी और इन्हे सूचीबद्ध किया गया ।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनोज अब्राहम ने एक बयान में कहा, ''छापेमारी बेहद सफल रही और इस अभियान के दौरान टीमों ने दर्ज 339 मामलों में 392 उपकरण जब्त किये । जब्त उपकरणों में मोबाइल फोन, टैब, मोडम, हार्ड डिस्क, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप, ग्राफिक के साथ कम्प्यूटर और बच्चों की अश्लील तस्वीरें एवं वीडियो बरामद किये ।
साइबरडोम के नोडल अधिकारी अब्राहम ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बरामद तस्वीरें एवं वीडियो में से अधिकतर स्थानीय बच्चों की है जो छह से 15 साल की उम्र के बीच के हैं ।
उन्होंने बताया, ''उपकरणों की बरामदगी के आधार पर..... 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें कुछ युवा शामिल हैं जो अच्छे पेशे में हैं और उनमें से अधिकतर आईटी पारंगत हैं ।''
पुलिस ने बताया कि तीन साल पहले पी—हंट की शुरूआत की गयी थी और इस सिलसिले में 525 मामले दर्ज किये गये जा चुके हैं और अब तक 428 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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