2.17 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काटे जाएंगे, 2.26 लाख मोबाइल हैंडसेट भी ब्लॉक करने की तैयारी, जानें क्या है वजह
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 30, 2024 12:08 IST2024-09-30T12:06:55+5:302024-09-30T12:08:06+5:30
केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने लगभग 2.17 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काटने का फैसला किया है। मंत्रालय 2.26 लाख मोबाइल हैंडसेट भी ब्लॉक करने की तैयारी में है। ये सभी मोबाइल नंबर और हैंडसेट ऐसे हैं जो या तो जाली दस्तावेजों पर लिए गए हैं या इनका इस्तेमाल साइबर अपराध में किया गया है।

2.17 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काटे जाएंगे
नई दिल्ली: केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने लगभग 2.17 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काटने का फैसला किया है। मंत्रालय 2.26 लाख मोबाइल हैंडसेट भी ब्लॉक करने की तैयारी में है। ये सभी मोबाइल नंबर और हैंडसेट ऐसे हैं जो या तो जाली दस्तावेजों पर लिए गए हैं या इनका इस्तेमाल साइबर अपराध में किया गया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस महीने की शुरुआत में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा आव्रजन ब्यूरो, वित्तीय खुफिया इकाई, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), अन्य एजेंसियों के सुरक्षा विशेषज्ञों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक में डेटा साझा किया था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल मार्च से पहले छह महीनों में भारतीयों को कम से कम 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की साइबर धोखाधड़ी हुई है। ज्यादातर साइबर धोखाधड़ी कंबोडिया,
लाओस, फिलीपींस और म्यांमार से चलाए जा रहे कॉल सेंटरों से की जा रही है। 5,000 से अधिक भारतीय कंबोडिया में फंसे भी हुए हैं जिनसे साइबर धोखाधड़ी जबरदस्ती कराई जा रही है। मामला सामने आने के बाद केंद्र ने इस मुद्दे पर विचार करने और खामियों की पहचान करने के लिए अंतर-मंत्रालयी पैनल का गठन किया था।
गृह मंत्रालय के एक विभाग, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि भारतीयों को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है। मई में, दूरसंचार ऑपरेटरों को दूरसंचार विभाग द्वारा भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने वाली सभी आने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था।
दूरसंचार विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में घोटाले के परिसरों में रोमिंग फोन नंबरों की पहचान करने के लिए, सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को हर हफ्ते उन भारतीय मोबाइल नंबरों का डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, जो हांगकांग, कंबोडिया, लाओस, फिलीपींस और म्यांमार में रोमिंग सुविधा के तहत हैं। दूरसंचार विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस साल अप्रैल-जून की अवधि के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में रोमिंग करने वाले भारतीय सिम कार्डों की कुल संख्या 6 लाख से अधिक है।