कोलकाताः दुर्गा पूजा उत्सव समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपनी जमीनी तैयारी शुरू कर दी तथा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने यहां एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक समीक्षा बैठक की।
पार्टी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों यादव एवं देब को पश्चिम बंगाल में भाजपा की चुनावी तैयारियों की निगरानी का जिम्मा सौंपा है। दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक बुधवार रात यहां पहुंचे और बृहस्पतिवार को यहां शहर कार्यालय में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व और अग्रिम संगठन प्रमुखों के साथ एक विस्तारित सत्र की अध्यक्षता की।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में बूथ स्तर पर भाजपा की संगठनात्मक ताकत का आकलन करने, कमजोर कड़ियों की पहचान करने और 2026 के चुनाव के लिए प्रारंभिक रोडमैप तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। एक वरिष्ठ भाजपा अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह हमारे संगठनात्मक ढांचे और तैयारियों की एक व्यापक समीक्षा थी।
केंद्रीय पर्यवेक्षक इस बात की एक यथार्थवादी तस्वीर चाहते हैं कि पहुंच और दक्षता, दोनों के संदर्भ में हम कहां खड़े हैं।’’ इस बैठक में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सामिक भट्टाचार्य, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और कई अन्य प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि चर्चा में निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी चर्चा हुई, जिस पर राज्य में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। भाजपा नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। इस प्रक्रिया की घोषणा इसी महीने के अंत में होने की उम्मीद है।
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘एसआईआर बेहद जरूरी है। हमारे कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि असली मतदाता छूट न जाएं और यह प्रक्रिया पारदर्शी हो।’’ पश्चिम बंगाल में केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने के बाद, बृहस्पतिवार की बैठक यादव और देब की अध्यक्षता में दूसरा औपचारिक सत्र था।
दोनों नेता लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में पार्टी का आधार मजबूत करना है जहां संगठन कमज़ोर दिख रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने उम्मीदवारों के चयन और निर्वाचन क्षेत्र संबंधी तैयारी के लिए प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय चुनाव के करीब आने पर ही लिये जायेंगे।
सूत्र ने कहा, ‘‘संभावित उम्मीदवारों की एक मसौदा सूची तैयार की जा रही है, लेकिन यह अभी अंतिम नहीं है। फिलहाल ध्यान संगठन में जान फूंकने पर केंद्रित पर है।’’ भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में 77 सीट जीती थीं और वह 2024 के लोकसभा वोट शेयर के आधार पर लगभग 90 विधानसभा क्षेत्रों में आगे है।
राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 148 है। भाजपा अक्टूबर और नवंबर के दौरान जन संपर्क कार्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार कर रही है, जिसके बाद जनवरी 2026 से एक गहन अभियान शुरू किया जाएगा।