नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने का फैसला किया है। बेंगलुरु स्थित विमान निर्माता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को निविदा जारी की गई है। रक्षा मंत्रालय ने राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये का टेंडर दिया है। यह किसी भारतीय कंपनी को हेलिकॉप्टरों के अधिग्रहण के लिए दिया गया सबसे बड़ा ऑर्डर है।
एचएएल एकमात्र कंपनी है जिसे टेंडर दिया गया है। हालांकि सौदे को अंतिम रूप देने से पहले रक्षा मंत्रालय के साथ बातचीत की जाएगी। 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों में से सेना के लिए 90 और भारतीय वायुसेना के लिए 66 हैं। इन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के आने से सेना की ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगा।
अब से दो महीने पहले रक्षा मंत्रालय ने लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी से जूझ रहे भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमानों (एलसीए एमके-1ए) खरीदने के लिए भी एचएएल को निविदा जारी की थी। नए लड़ाकू विमानों की लागत लगभग ₹67,000 करोड़ होने की उम्मीद है।
एचएएल ने अब तक भारतीय वायुसेना के लिए 10 और सेना के लिए 5 प्रचंड हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया है। अब इसके उत्पादन में तेजी आएगी। एक बार 156 हेलीकॉप्टरों के अनुबंध पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद एचएएल पांच से छह वर्षों में ऑर्डर को पूरा कर देगा।
प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की ताकत
यह दुनिया का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर की ऊँचाई पर हथियारों के साथ उड़ सकता है। यह दुश्मन के रडार या दुश्मन की मिसाइलों से बचने में सक्षम है। 1999 के कारगिल युद्ध के समय पहली बार एक ऐसे स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की जरूरत महसूस की गई थी। दुश्मन पर दबदबा बनाए रखने के लिए भारत को ऐसे लड़ाकू हेलीकॉप्टर चाहिए थे जो रेगिस्तान की भीषण गर्मी लद्दाख की भयंकर ठंड दोनों में सुचारू रूप से काम करे। प्रचंड इस जरूरत को पूरा करता है।
सेना और वायुसेना चीन से लगी सीमा पर इन हेलीकॉप्टर को तैनात करने पर विचार कर रही है। 5.8 टन के दो इंजन वाला एलसीएच अलग-अलग हथियार प्रणालियों से लैस है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन और अन्य आयुधों को नष्ट करने में सक्षम है। लड़ाकू हेलीकॉप्टर अधिकतम 288 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है। इसका कॉम्बैट रेडियस यानी लड़ने का दायरा 500 किमी है। यह 21,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।