Heat Stroke: अप्रैल के पहले सप्ताह से ही गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है। माना जा रहा है कि इस साल मई और जून में पारा खूब सताएगा। भीषण गर्मी में हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। जब शरीर का मुख्य तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाता है और आंतरिक अंगों में रक्त का प्रवाह प्रतिबंधित हो जाता है तब एक बेहद मुश्किल स्थिति पैदा हो जाती है। हीटस्ट्रोक या लू के कहर से जान भी जा सकती है। इसलिए सबसे जरूरी है कि गर्मी के प्रकोप से बचने के ऊपाय पर गौर किया जाए। हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर भीषण गर्मी के प्रकोप से बचा जा सकता है।
तरल का सेवन: नियमित अंतराल पर पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पन्ना इत्यादि का सेवन करें। बाज़ार में बिकने वाले कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन ना करें।
सीधी धूप से चेहरे को बचाएं- चेहरे और शरीर पर सनस्क्रीम लगा कर बाहर निकलें। कई सनस्क्रीम उपलब्ध हैं। किसी भी अच्छी कंपनी का जिसका SPF 30 से अधिक है वो प्रभावशाली होता है। यथा संभव दोपहर 12 से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।
सिर ढक कर रखें- धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें। धूप में निकलने के पहले तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
कपड़ों का ध्यान रखें- सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
खुद के अलावा जानवरों का भी ध्यान रखें। जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें। इसके अलावा अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछे या कई बार स्नान करें। धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें।
भोजन पर भी ध्यान रखें- सुपाच्य भोजन करें। वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।
(डिस्क्लेमर: लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यह पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। किसी चिकित्सीय स्थिति के संबंध में आपके किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सलाह लें लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता।)