करीना कपूर, स्वरा भास्कर और सोनम कपूर की फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। सिर्फ इसलिए नहीं कि रिलीज के दो दिन बाद ही फिल्म ने 22 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है बल्कि इसलिए भी एक सीन में स्वरा भास्कर को मास्टरबेशन यानी हस्तमैथुन करते दिखाया गया है। शशांक घोष निर्देशित यह फिल्म चार दोस्तों की कहानी है, जो बहुत मॉर्डन और खुले खयालों वाली जिंदगी जीती हैं। फिल्म देखने के बाद सोशल मीडिया पर इस सीन को लेकर स्वरा भास्कर को खूब ट्रोल किया जा रहा है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि वो अपनी फैमिली के साथ फिल्म देखने गए थे और उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो स्वरा का समर्थन कर रहे हैं और लिखा है कि इतने संस्कारी लोग अपनी फैमिली के साथ फिल्म देखने क्यों जा रहे हैं? इधर स्वरा ने इन बातों को पेड ट्रोल बताया है और उन्होंने हैश टैग में लिखा- पेड ट्रोल्स की पोल खुल गई।
खैर, स्वरा भास्कर को जिस सीन के लिए ट्रोल किया जा रहा है, उसे लेकर लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई मास्टरबेशन एक बड़ी समस्या है? इस विषय को लेकर हमने दिल्ली के मशहूर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर विनोद रैना से बात की है और उनसे जानने की कोशिश की है कि क्या हस्तमैथुन पुरुष और महिलाओं के लिए एक समस्या है?
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हस्तमैथुन क्यों करें?
डॉक्टर के अनुसार, हस्तमैथुन करना स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है। लेकिन इससे भी ज्यादा यह समझने की जरूरत है कि यह पर्सनल चॉइस है और ऐसा करना पूरी तरह नेचुरल है। हस्तमैथुन के कई स्वास्थ्य फायदे हैं जो इस प्रकार हैं-
1) किसी भी तरह की यौन उत्तेजना से ऑक्सीटॉसिन जारी होता है जोकि बॉडी में एक नैचुरल पेन रिलीवर है। हस्तमैथुन से सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है और यह अनिद्रा का इलाज करने में मदद करता है। 2) इससे प्राकृतिक रूप से तनाव दूर होता है।3) इससे अवसाद से लड़ने में मदद मिलती है।4) इससे टेस्टोस्टेरोन जारी करने में मदद मिलती है इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है।5) अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है।
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यौन-शिक्षा कक्षाएं अनिवार्य हों
डॉक्टर के अनुसार, हम कुछ विषयों को गंभीरता से लेते हैं। चाहे वो सेक्स हो या हस्तमैथुन या फिर मासिक धर्म। हस्तमैथुन को हमारे समाज में वर्जित माना जाता है क्योंकि हमारे समाज में सेक्स को लेकर खुलकर बात नहीं होती है। हस्तमैथुन या उत्तेजना से जुड़ी किसी चीज के बारे में बात करना गलत और अनैतिक माना जाता है। वास्तव में, सभी स्कूलों में यौन-शिक्षा कक्षाएं अनिवार्य होनी चाहिए ताकि बच्चों को प्रामाणिक जानकारी मिले और उन्हें उनके प्रश्नों का उत्तर मिले।
(फोटो- सोशल मीडिया)