समय रहते न किया यह काम तो आपको अंधा कर सकती है यह बीमारी

By उस्मान | Published: April 1, 2018 11:11 AM2018-04-01T11:11:08+5:302018-04-01T11:11:08+5:30

Prevention of Blindness Week इस बीमारी के लक्षणों में मरीज को लाइट से परेशानी, धुंधला दिखना, रंग पहचानने में मुश्किल शामिल हैं। 

Prevention of Blindness Week: This disease can cause blindness if precautions not taken | समय रहते न किया यह काम तो आपको अंधा कर सकती है यह बीमारी

समय रहते न किया यह काम तो आपको अंधा कर सकती है यह बीमारी

भारत सरकार द्वारा 1 से 7 अप्रैल तक प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस वीक मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य अंधे लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ना है। अंधापन उन लोगों के लिए एक दर्दनाक स्थिति है जो इससे पीड़ित हैं। इस अभियान का उद्देश्य यह है कि लोग समझें कि अंधे लोगों के लिए आंखें कितनी मायने रखती हैं।

ग्लूकोमा अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। ग्लूकोमा को काला मोतिया के नाम से भी जाना जाता है। मुश्किल बात तो यह है कि इसके लक्षणों को शुरुआती अवस्‍था में ही पकड़ पाना कई बार मुश्किल हो जाता है। ग्लूकोमा के गंभीर परिणामों से बचने के लिए इसका पूर्वानुमान और समय रहते इसका निदान कर लेना जरूरी होता है। इस बिमारी में दृष्टि को दिमाग तक ले जाने वाली नस (ऑप्टिक नर्व) की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। जिस तरह हमारा ब्लड प्रेशर होता है, उसी प्रकार से आंखों का भी प्रेशर होता है। इसे इंट्राओक्युलर प्रेशर कहा जाता है। जब इंट्राओक्युलर प्रेशर आंखों की नस की सहन की क्षमता से अधिक हो जाता है, तो उसके तंतुओं को नुकसान होने लगता है, इसे ग्लूकोमा कहा जाता है। ग्लूकोमा के लक्षणों में मरीज को लाइट से परेशानी, धुंधला दिखना, रंग पहचानने में मुश्किल शामिल हैं। 

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ग्लूकोमा से अंधेपन का खतरा

सेंटर फॉर आई रिसर्च ऑस्ट्रेलिया (सीईआरए) के अनुसार, ग्लूकोमा धीरे-धीरे आंखों की रोशनी छीन लेता है। अगर समय रहते काला मोतिया का इलाज नहीं कराया गया तो ऑप्टिक नर्व को काफी नुकसान पहुंच सकता है। ग्लूकोमा द्वारा हुआ दृष्टि का नुकसान अक्सर सफल इलाज के बाद भी वापस नहीं आता है। इसलिए इसका जल्द से जल्द इलाज ही सबसे बड़ा बचाव है। ग्लूकोमा की वजह से आंखों की रोशनी को जितना नुकसान हुआ उसे वापस लाना संभव नहीं होता है। क्योंकि उसका कोई इलाज नहीं है। डॉक्टर सिर्फ इस इलाज में जुट जातें हैं कि आगे आंखों की रोशनी ठीक रहे। 

ग्लूकोमा होने पर क्या करें

ग्लूकोमा होने पर आपको हर छह महीने या एक साल में आंखों की जांच करानी चाहिए, जिससे पता चलता रहे कि इलाज सही चल रहा है या नहीं। कुछ डॉक्टर हर तीन महीने बाद भी चेकअप कराने की सलाह देते हैं। कई बार मरीज को दवा का असर नहीं होता है। इस स्थिति मर डॉक्टर लेजर ट्रीटमेंट या ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं।

ग्लूकोमा के प्रकार

1) ओपन एंगल ग्लूकोमा

ओपन एंगल ग्लूकोमा में आंख के तरल का प्रेशर (जिसे इंट्राकुलर दबाव भी कहते हैं) धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। मरीज को अपनी बीमारी का अहसास नहीं हो पाता, जिस कारण आंखों को काफी नुकसान पहुंचता रहता है। समय पर इलाज न होने पर यह अंधेपन का कारण भी बन सकता है।

2) एंगल ग्लूकोमा

क्लोज्ड एंगल ग्लूकोमा में एक्वस ह्यूमर का प्रवाह अकस्मात ही रुक जाता है। अचानक एंगल्स बंद होने से तेज सिरदर्द, दिखाई देना बंद होना, आंखें लाल होना, उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याएं होती हैं। यदि इस रोग के प्रति लापरवाही बरती जाए, तो एंगल्स धीरे-धीरे पूरी तरह बंद हो जाते हैं। और इलाज के बाद भी दृष्टि को हुआ नुकसान ठीक नहीं हो पाता।

ग्लूकोमा के दुष्प्रभावों से ऐसे बचें

यदि इस बीमारी के खतरे और दुष्प्रभावों से बचना हो, तो 40 साल की उम्र के बाद आंखों की नियमित जांच और खानपान आदि का ध्‍यान रखना चाहिए। इस उम्र में पहले की अपेक्षा ज्यादा सावधान व देखभाल करने की जरूरत होती है। लोगों में आंख की इस समस्‍या के प्रति अभी भी जागरूकता का अभाव है। ग्‍लूकोमा की सही जानकारी और समय पर इलाज कर काफी हद तक ग्लूकोमा से बचाव करना संभव है। जानें ग्लूकोमा से बचाव के कुछ ऐसे ही तरीके।

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1) शुरुआती लक्षणों को पहचानें

ग्लूकोमा को शुरुआत में ही पहचानने का प्रयास करें। इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन नियमित जांच कराते रहने से प्रारंभिक स्थिति में ही इसकी पुष्टि की जा सकती है। इसके कुछ विशेष लक्षण भी होते हैं, जैसे आंखों में दर्द, भारीपन, सिर दर्द, लाइट देखने में दिक्कत महसूस होना, लगातार नंबर बदलना और नजर धुंधली होना आदि होने पर भी आपको तुरंत जांच करानी चाहिए।

2) आंखों की जांच है जरूरी

ग्‍लूकोमा का पता लगाने के लिए नियमित आई चेकअप, रेटिना इवेल्‍यूएशन और विजुअल फील्ड टेस्टिंग कराते रहना चाहिए। प्रारंभिक स्थिति में ग्लूकोमा की पहचान कर इसे आई ड्रॉप्स और स्थिति बढ़ जाने पर लेंसर और सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।

Web Title: Prevention of Blindness Week: This disease can cause blindness if precautions not taken

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