World Health Day 2018: इन संकेतों को कभी ना करें नजरअंदाज, डिप्रेशन के लिए होते हैं जिम्मेदार

By गुलनीत कौर | Published: April 1, 2018 09:30 AM2018-04-01T09:30:23+5:302018-04-01T12:18:46+5:30

डिप्रेशन आनुवांशिक भी हो सकता है। यदि माता-पिता डिप्रेशन सी पीड़ित हैं तो यह परेशानी उनके बच्चे में भी आ सकती है।

World Health Day 2018 Depression causes, signs, symptoms and treatment know from expert | World Health Day 2018: इन संकेतों को कभी ना करें नजरअंदाज, डिप्रेशन के लिए होते हैं जिम्मेदार

World Health Day 2018: इन संकेतों को कभी ना करें नजरअंदाज, डिप्रेशन के लिए होते हैं जिम्मेदार

जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जब व्यक्ति जरूरत से अधिक उदासी का अनुभव करने लगता है। जीवन से हताश हो जाता है और नकारात्मकता की ओर बढ़ने लगता है। वह खुद को और अपनी सोच को सीमित कर लेता है और बाहरी दुनिया से भी धीरे-धीरे नाता तोड़ने लगता है। उसे किसी बात में दिलचस्पी नहीं रहती है। स्वभाव में आने वाले ऐसे बदलाव डिप्रेशन की ओर इशारा करते हैं। वर्ल्ड हेल्थ डे यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस, जो कि 7 अप्रैल को है, इस दिन को ध्यान में रखते हुए आइए जानते हैं डिप्रेशन क्या है, इसके कारण, लक्षण और किस तरह इसका उपचार किया जा सकता है।

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डिप्रेशन क्या है?

डिप्रेशन या अवसाद, यह एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है। इसकी जड़ें तनाव और अत्यधिक सोचना हो सकती हैं। जीवन में चल रही कठिनायों के कारण तनाव ग्रस्त होना, चिंता में रहना, बेहद उदास होना, किसी भी व्यक्ति या चीज से लगाव ना रखना, सबसे दूर रहना, ये सभी कारण धीरे-धीरे व्यक्ति में डिप्रेशन को पैदा करते हैं।

डिप्रेशन के कारण

1. मानसिक आघात: किसी लक्ष्य में असफलता मिलना, किसी बड़े नुकसान, किसी प्रियजन की मृत्यु या किसी बहुत करीबी से बिछड़ जाने का दुःख जब दिमाग पर हावी होने लगता है तो यह व्यक्ति को डिप्रेशन की ओर ले जाता है। 
2. शारीरिक रोग: लंबे समय से यदि रोग पीछा ना छोड़े तो ऐसा मरीज जीवन से अपनी चाहता को छोड़ देता है और डिप्रेशन में चला जाता है।
3. कमजोर व्यक्तित्व: कुछ लोग भावनात्मक रूप से काफी कमजोर होते हैं। इन लोगों के जीवन में जैसे ही कोई बदलाव आता है ये लोग मानसिक रूप से उसे स्वीकार नहीं कर पाते हैं। 
4. आनुवांशिक: विभिन्न शोध के अनुसार डिप्रेशन आनुवांशिक भी हो सकता है। यदि माता-पिता डिप्रेशन सी पीड़ित हैं तो यह परेशानी उनके बच्चे में भी आ सकती है।

डिप्रेशन के लक्षण

- दो सप्ताह से अधिक उदासी
- स्वभाव में चिड़-चिड़ापन आना
- स्वास्थ्य में गिरावट
- वजन में गिरावट
- किसी भी चीज में अरुचि
- अकेलापन अच्छा लगना
- स्वयं को कोसना
- असफलता भरे विचार पसंद आना
- नींद में विघ्न आना या नींद ही ना आना
- सिर, पेट, पैर, जोड़ों में दर्द रहना
- मुंह का सूखना
- कब्ज रहना
- मासिक धर्म में अनियमितता
- सांस लेने में दिक्कत

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डिप्रेशन का इलाज

डिप्रेशन से बचने या इसके इलाज का सबसे सही तरीका है काउंसलिंग। मानसिक रोग के विशेषज्ञ पीड़ित व्यक्ति से बात करते हैं, उसकी लाइफ की उतार-चढ़ाव को समझते हैं, किन कारणों से वह उदास है उसे जानने की कोशिश करते हैं। इसके बाद मरीज को आने वाले कुछ महीनों तक दवाएं दी जाती हैं जो उनके मेंटल स्वास्थ्य को नियंत्रित करती हैं। लेकिन चिकित्सिक इलाज के साथ मरीज को पारिवारिक सहयोग मिलना भी जरूरी होता है। अपने अपनों का सहयोग पाकर वह डिप्रेशन से जल्दी बाहर आ सकता है। 

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