Health News: हाल में हुए एक शोध में यह पता चला है कि जिन बुजुर्गों को सूंघने में दिक्कत होती है उन में अवसाद के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। इसका खुलासा तब हुआ है जब एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 60 साल या फिर उससे भी अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को इस स्टडी में शामिल किया था। ये ऐसे बुजुर्गों थे जिन्होंने अपने गंध की समझ को खराब बताया था और वे किसी चीज को सही से सूंघकर उसकी पहचान करने में फिट नहीं थे।
इस तरह की समस्या से जूझ रहे बुजुर्गों को जल्द ही जानकारों से सलाह भी लेने की बात कही जा रही है। ऐसे में इस अध्ययन में क्या खुलासा हुआ है और शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में क्या पाया है। आइए इस बारे में जान लेते है।
स्टडी में यह साफ हुआ है
शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि जिन बुजुर्गों की सूघंने की शक्ति कमजोर हुई है उन में तनाव के बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है। काफी ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को शामिल करके जब इस स्टडी को अंजाम दिया गया तो इसमें यह पाया गया कि जिन बुजुर्गों की गंध में गिरावट देखी गई है उन बुजुर्गों में अन्य लोगों के मुकाबले तनाव बढ़ने की संभावना दोगुनी पाई गई है।
समय से पहले पहचान पर इलाज संभव
ऐसे में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को बुजुर्गों को रूटीन चेकअप के जरिए उनकी सूंघने की शक्ति की टेस्ट करने को कहा जा रहा है ताकि समय से पहले बुजुर्गों में तनाव की पहचान हो सके और इसका इलाज भी किया जा सके। इस शोध के सामने आने के बाद जानकारों का यह कहना है कि यदि आपके आसपास ऐसी समस्या से कोई बुजुर्ग गुजर रहा है तो इस हालत में पेशेवर जानकारों से मदद और सहायता लेना काफी जरूरी हो जाता है।