नई दिल्ली:भारत में जिस रफ्तार से तरह-तरह बीमारियों के मामले लोगों में बढ़ रहे हैं, उसी हिसाब से अब लोगों को अस्पताल की जरूरत भी लगने लगी है। इसी को देखते हुए मेडिकल सेक्टर में बड़े बदलाव के साथ नए बिस्तर और किफायती इलाज का प्रबंध किए जा रहे हैं। ऐसे में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ये कहा गया है कि भारत के लिस्टेड अस्पताल में 14000 बिस्तरों का प्रबंध अगले 3 से 5 सालों में कर दिया जाना है, जो सरकार की प्राथमिकता में है। गौरतलब है कि इसमें उन सभी निजी अस्पतालों को भी जोड़ा गया है, जिन्हें जरूरत है और उनको मिलाकर कुल 22,000 बिस्तरों का प्रबंध किया जाएगा।
रिपोर्ट ने ये भी बताया गया है कि वित्त-वर्ष 2019-24 के बीच अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या तीन गुना बढ़कर 4000 पर पहुंच गई है। हालांकि, ये भी बताया कि काफी अस्पताल एकीकरण फेज में है और उसके विस्तार के बारे में भी सरकार सोच रही है। क्योंकि लो कैपेक्स के मुनाफा से नए अफसरों के लिए दरवाजा खोले जा रहे हैं।
इसमें ये भी बताया गया है कि इनकी अतिरिक्त पहुंच के बाद भी फिर बिस्तरों की सप्लाई नहीं होगी। गौरतलब है कि बदलती लाइफस्टाइल से बढ़ती बीमारियों की वजह से किफायती इलाज बहुत ही जरूरी हो गया है, क्योंकि दिनों-दिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है और इसलिए बिस्तरों भी उसी हिसाब से जरूरी है।
10,000 लोगों पर 16 बिस्तरविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में प्रति 10,000 लोगों पर 16 बिस्तर उनके हिस्से आते हैं, जो कि आम जरूरत के हिसाब से काफी कम और अगर इसकी तुलना विकसित राष्ट्रों और उभरते मार्केट से कराएं तो बेहद ही कम है।
इनके अतिरिक्त बढ़ती जनसंख्या में वृद्ध लोगों की संख्या भी बढ़ रही है, उन्हें स्वास्थ्य बीमा की पैठ बढ़ी, हालांकि इनकम का स्तर भी घट रहा। दूसरी ओर लाइफस्टाइल बीमारी भी बढ़ रही और इसलिए देश में हेल्थकेयर सिस्टम के अंतर्गत के हिसाब से जरूरतें भी बढ़ रही हैं। हालांकि, रिपोर्ट में ये भी बात सामने निकलकर आ रही है कि अगले 5 से 7 सालों में 1 लाख बिस्तरों की जरूरत होगी।
पर्यटन मंत्रालय की मेडिकल पर्यटक रिपोर्ट..फिलहाल, जो मेडिकल के हिसाब से दूसरे देश से आने वाले पर्यटकों की संख्या का आंकड़े भी पर्यटन मंत्रालय ने बताए हैं, जिसमें कहा गया है कि साल 2024 में 2014 की तुलना में बढ़ोतरी हुई, जो साल 2014 में 0.18 मिलियन थे और वो अब 0.73 मिलियन पर पहुंच गए हैं।