लाइव न्यूज़ :

Covid JN.1 variant: कर्नाटक से नए केस 34, महाराष्ट्र से नौ मामले, जानें देश भर का हाल, जानिए एम्स के पूर्व निदेशक ने क्या कहा...

By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 26, 2023 15:55 IST

Covid JN.1 variant: भारत में कोरोना वायरस के उप-स्वरूप ‘जेएन.1’ के छह और मामले सामने आए हैं जिससे देश में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

Open in App
ठळक मुद्दे अब तक कोविड के नए संस्करण, जेएन.1 के 69 मामले दर्ज किए गए हैं।कर्नाटक में संक्रमण से तीन मौतें हुईं।अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

Covid JN.1 variant: एम्स के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नया कोविड-19 उप-संस्करण जेएन.1 अधिक संक्रामक है, लेकिन गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है। वैरिएंट धीरे-धीरे हावी होता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में अब तक कोविड के नए संस्करण, जेएन.1 के 69 मामले दर्ज किए गए हैं।

कर्नाटक का योगदान सबसे अधिक है। कर्नाटक से नए संस्करण के 34 मामले, महाराष्ट्र से नौ मामले, गोवा से 14, केरल से छह, तमिलनाडु से चार और तेलंगाना से दो मामले शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश में पिछले 24 घंटों में कोविड के कुल 116 नए मामले सामने आए। कर्नाटक में संक्रमण से तीन मौतें हुईं।

उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर मरीज फिलहाल घर पर पृथक-वास में हैं और अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय कोरोना वायरस के नए उप-स्वरूप की बारीकी से पड़ताल कर रहा है और राज्यों को परीक्षण बढ़ाने तथा अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।

अधिकारियों ने कहा था कि भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है और देश में ‘जेएन.1’ उप-स्वरूप का पता चला है, लेकिन तत्काल चिंता का कोई कारण नहीं है क्योंकि संक्रमित लोगों में से 92 प्रतिशत लोग घर में रहकर ही उपचार का विकल्प चुन रहे हैं, जिससे पता चलता है कि नए उप-स्वरूप के लक्षण हल्के हैं।

उन्होंने कहा था कि अस्पताल में भर्ती होने की दर में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों में कोविड-19 पाया जाना आकस्मिक मामला है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने पिछले सप्ताह कहा था कि आगामी त्योहारी सत्र को देखते हुए महत्वपूर्ण कोविड-19 नियंत्रण और प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने बीमारी के प्रसार के जोखिम को कम करने के लिए अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने की सलाह दी थी।

राज्यों से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा की गई संशोधित कोविड निगरानी रणनीति के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 628 नए मामलों के साथ उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,054 हो गई।

सोमवार को सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 5,33,334 हो गई है। केरल में पिछले 24 घंटे की अवधि में एक मरीज की मौत दर्ज की गई। कोरोना वायरस का जेएन.1 (बीए.2.86.1.1) उप-स्वरूप अगस्त में लक्ज़मबर्ग में सामने आया था। यह सार्स कोव-2 के बीए.2.86 (पिरोला) का वंशानुगत घटक है।

टॅग्स :कोविड-19 इंडियाकर्नाटकCoronaकोरोना वायरसकेरल
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

भारतKarnataka Politics: एक बार फिर ब्रेकफास्ट टेबल पर सिद्धारमैया-शिवकुमार, डिप्टी सीएम के घर पहुंचे CM सिद्धारमैया

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

क्रिकेटकमाल संजू सैमसन, 15 गेंद, 5 छक्के और 43 रन की धांसू पारी, 10.3 ओवर में हासिल किए 121 रन, 56 गेंद शेष रहते जीत

क्रिकेटकर्नाटक राज्य क्रिकेट संघः क्या फिर से बाजी मार पाएंगे पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद?, केएससीए चुनाव में केएन शांत कुमार दे रहे टक्कर

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत