Cancer Causing Breakfast Foods:कैंसर बहुत ही खतरनाक बीमारी है और इससे हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। जानकारों की अगर माने तो कैंसर का समय से पहले पहचान बहुत ही जरूरी है ताकि समय से पहले इलाज हो सके।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर साल करीब एक करोड़ लोगों की मौत कैंसर के कारण होती है। इससे बचने के लिए सही खान-पान बहुत ही जरूरी है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन के मुताबिक, केवल पांच से 10 प्रतिशत कैंसर मामले ही जेनेटिक कारणों से होते हैं, बाकी सभी के पीछे लाइफस्टाइल और पर्यावरण के प्रभाव के कारण होते है।
कैंसर से बचने के लिए ब्रेकफास्ट में इन खानों से बचें
चाय के साथ बिस्कुट का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक होता है और इससे कैंसप का भी खतरा रहता है। केवल चाय ही नहीं बल्कि किसी भी तरह के अल्ट्रा प्रोसेस्ड कुकीज से ओवेरिएन कैंसर के होने का खतरा बना रहता है।
इंपीरियल कॉलेज लंद स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की अगर माने तो दो लाख लोगों पर किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है कि नाश्ते में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन का ज्यादा सेवन कैंसर के खतरे को कई गुना तक बढ़ा देता है।
इससे ओवरी और ब्रेन कैंसर भी हो सकता है। यही नहीं हर रोज ब्रेकफास्ट में अल्ट्रा प्रोसेस्ड ब्रेड का सेवन भी खतरे से खाली नहीं है और इससे ओवरी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।बता दें कि वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड ने अपने अध्ययन में पाया है कि मास प्रोड्यूज्ड ब्रेड, आइस्क्रीम, ब्रेकफास्ट सेरिएल्स, हेमबर्गर के रोजाना सेवन से आप में कैंसर का खतरा बना रहता है।
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न भी सेहत के लिए हानिकारक
जानकारों की अगर माने तो माइक्रोवेव पॉपकॉर्न एक अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट होता है। अगर आप घर में माइक्रोवेव पॉपकॉर्न को तैयार करते है तो वह ठीक है लेकिन अगर आप बाहर से बने हुए माइक्रोवेव पॉपकॉर्न को लाते है तो उसमें कई तरह के केमिकल होने का आशंका होती है। बाजार में तैयार किए जाने वाले माइक्रोवेव पॉपकॉर्न में पीएफओए प्रोडक्ट होती है जिससे कैंसर होने की संभावना होती है।
पोटैटो चिप्स और प्रोसेस्ड मीट भी कैंसर का कारण बनता है
वहीं अगर बात करेंगे पोटैटो चिप्स की तो इसमें सोडियम और फ्राई के लिए ट्रांस फैट का यूज किया जाता है जिससे इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा काफी बढ़ जाती है। वहीं इसे उच्च तापमान पर बनाने के कारण इसमें एक्रीलामाइड कंपाउड बढ़ जाता है जो कैंसर कारक केमिकल है।
उसी तरीके से प्रोसेस्ड मीट में भी कई तरह के कार्सनोजेन केमिकल होते हैं जिससे कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। रेड मीट कई तरह के क्रोनिक बीमारियों की वजह बन सकता है। यही कारण है कि लोगों को नाश्ते में प्रोसेस्ड मीट सेवन न करने की सलाह देते है।
(Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इस आलेख में बताए गए तरीकों, सुझावों और विधियों का उपयोग करने से पहले कृपया एक चिकित्सक या संबंधित विशेषज्ञ से जरूर सलाह ले लें।)