ये 7 लक्षण दिमाग की नसों के लिए हैं खतरनाक संकेत, शरीर में झुनझुनी और स्ट्रोक की वजह है वीकनेस, नहीं गौर किया तो चलने-फिरने में होगी भारी दिक्कत
By आजाद खान | Updated: February 7, 2022 17:44 IST2022-02-07T17:40:51+5:302022-02-07T17:44:25+5:30
दिमाग के नसों की कमजोरी से आपको चलने-फिरने में दिक्कत होती है। यह आपके मांसपेशियों की ताकत पर भी असर डालता है।

ये 7 लक्षण दिमाग की नसों के लिए हैं खतरनाक संकेत, शरीर में झुनझुनी और स्ट्रोक की वजह है वीकनेस, नहीं गौर किया तो चलने-फिरने में होगी भारी दिक्कत
Brain Nerves Weakness: आपके दिमाग से तमाम शरीर के नस आपस में जुड़े हुए हैं जिससे किसी एक को तकलीफ होने से दूसरे पर इसका असर पड़ता है। दिमार पर कुछ गड़बड़ होने से इसका असर नस पर पड़ता है और नस में तकलीफ होने पर दिमाग का संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे में इसके कारण हमारे काम काज भी प्रभावित होते हैं जिससे हमें मानसिक तनाव के साथ आर्थिक परेशानी भी झेलना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि दिमाग की नसों में कमजोरी के क्या कारण हो सकते हैं?
कई बार ऐसा देखा गया है कि अलग-अलग कारणों से हमारे दिमाग के नसे कमजोर हो जाते हैं जिससे हमें कई तरीके की बीमारियां लग जाती है। कई बार यह समस्या चोट लगने से, शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी होने से और नसों पर दबाव पड़ने से भी होता है। इन सब के अलावा कई बार ऐसा देखा गया है कि इंफेक्शन और कुछ दवाइयां की वजह से भी हमारे दिमाग के नस कमजोर हो जाते हैं जो सेहत के लिए सही नहीं है। तो आइए आज हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि नसों की कमजोरी किस कारण होती है और इसके लक्षण क्या है?
दिमाग की नसों में कमजोरी के लक्षण (Brain Nerves Weakness Symptoms)
दिमाग के नसों की कमजोरी बहुत ही जानलेवा साबित होती है। इससे आपको गंभीर बिमारियां भी हो सकती है। नीचे बताए गए लक्षणों में से एक भी लक्षण आप में पाए गए तो इससे यह पता चलेगा कि आप दिमाग के नसों की कमजोरी का शिकार हुए हैं। इस हालत में तुरंत इलाज कराना ही समझदारी है।
1. लगातार या अचानक से सिरदर्द हो सकता है दिमाग के नसों की कमजोरी का लक्षण (Brain Nerves Weakness- Regular or Occasional Head Pain)
क्या आपको लगातार या अचानक से सिरदर्द होता है? अगर हां तो यह दिमाग के नसों की कमजोरी का लक्षण है। जानकार कहते है कि इस लक्षण के शिकार होने पर आपके दिमाग के कोशिकाओं में सही से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है जिससे आपको इसकी शिकायत होती है। यही नहीं दिमाग के अन्य हिस्सों में भी खून के जम जाने से भी अचानक सर दर्द होता है जिसे दिमाग के नसों की कमजोरी का लक्षण बताया जाता है।
2. शरीर में झुनझुनी होना संकेत है दिमाग के नसों की कमजोरी (Brain Nerves Weakness- Body Tingling)
शरीर में झुनझुनी का भी होना दिमाग के नसों की कमजोरी का एक लक्षण हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आपके दिमाग के नस में खून सही से नहीं पहुंचता है तब इसकी वजह से हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में झुनझुनी होने लगती है। तो शरीर में झुनझुनी का मतलब दिमाग के नसों की कमजोरी का संकेत है।
3. दिमाग की नसों की कमजोरी से होता है स्ट्रोक (Brain Nerves Weakness- Stroke)
आपको बता दें कि जब आपके शरीर में दिमाग की कोशिकाओं पर असर पड़ता है तो इससे आपको स्ट्रोक आता है। शरीर के लिए स्ट्रोक अच्छा संकेत नहीं है, इसलिए इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। इस तरीके की स्थिति काफी गंभीर होती है।
4. चलने-फिरने में दिक्कत देता है यह नसों की कमजोरी (Brain Nerves Weakness- Walking Problem)
हमारा शरीर दिमाग और नसों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जब दिमाग का नस कमजोर महसूस करता है तब इसका सीधा असर आपके सेहत पर पड़ता है। इसके कारण आपके चलने फिरने में भी दिक्कत होता है। यही नहीं दिमाग के नसों की कमजोरी से आपके मांसपेशियों की ताकत पर भी असर पड़ता है और इससे हमारा शरीर और कमजोर दिखता है।
5. मानसिक क्षमता को प्रभावित करता है यह कमजोरी (Brain Nerves Weakness- Mental Ability)
दिमाग के नसों की कमजोरी से आपकी मानसिक क्षमता को प्रभावित होता है। यह आपके की क्षमता और याददाशत पर भी असर डालता है। इस लक्षण में लोगों को कुछ बोलने के लिए पहले याद करना पड़ता है फिर बोलना पड़ता है। यह चीजों को बोलने में कंफ्यूजन भी पैदा करता है।
6. देखने में मुश्किल हो सकता है दिमाग के नसों के कमजोरी का कारण (Brain Nerves Weakness- Low Eyesight)
अगर आपको कुछ देखने में मुश्किल हो रही है या आपको कुथ भी धुंधला दिख रहा है तो ऐसे में यह दिमाग के नसों के कमजोरी का कारण है। हमारी आंख के नस काफी नाजुक होती हैं और जरा भी नसों पर असर पड़ने से हमारे आंख पर असर पड़ता है।
7. इसके कारण शरीर के तालमेल में होती है कमी (Brain Nerves Weakness- Body Coordination)
जब हमारे दिमाग के नस कमजोर हो जाते हैं तब हमारे शरीर के तालमेल में कमी आने लगती है। इससे हमारा शरीर काफी प्रभावित होता है और यही कारण है कि हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)