मोहम्मद सालाह के चैंपियंस लीग फाइनल में किए गए दूसरे सबसे तेज गोल और डिवॉक ओरिगी के आखिरी पलों दागे गए गोल की बदौलत लिवरपूल ने मैड्रिड में शनिवार को खेले गए फाइनल में टॉटेनहैम हॉट्स्पर को 2-0 से हराते हुए छठी बार खिताब जीत लिया।
ये लिवरपूल का छठा यूरोपियन खिताब है और वह फुटबॉल इतिहास के सबसे कामयाब क्लबों में से एक बन गया है। उनके नाम अब बार्सिलोना और बायर्न म्यूनिख से ज्यादा खिताब हो गए हैं, जबकि ये उनके चिर प्रतिद्वंद्ंवी मैनचेस्टर यूनाइटेड से दोगुना है।
अपना पहला चैंपियंस लीग फाइनल खेल रहे टॉटेनहैम के लिए लिवरपूल को हराना आसान नहीं था। फाइनल में मिली हार टॉटेनहैम की इस सीजन में लिवरपूल के हाथों तीसरी है और इन दोनों टीमों के बीच खेले गए पिछले 15 मुकाबलों में से टॉटेनहैम सिर्फ एक मैच जीत पाया है।
मोहम्मद सालाह ने दूसरे ही मिनट में दागा गोल
फाइनल शुरू होने में अभी दो मिनट भी नहीं हुए थे मोउसा सिसोको को हैंडबॉल के लिए दंडित किए जाने के बाद सालाह ने स्पॉट-किक से गोल दागा। ये चैंपियंस लीग फाइनल इतिहास का दूसरा सबसे तेज (दो मिनट) गोल है।
सबसे तेज गोल का रिकॉर्ड पाउलो माल्दिनी के नाम है, जिन्होंने 2005 में मिलान के लिए खेलते हुए लिवरपूल के खिलाफ गोल दागते हुए रिकॉर्ड बनाया था।
मोहम्मद सालाह चैंपियंस लीग फाइनल में गोल दागने वाले मिस्र के पहले और पांचवें अफ्रीकी फुटबॉलर बन गए।
इस जीत के बाद लिवरपूल के समर्थकों ने मेट्रोपोलैटिनो स्टेडियम के अंदर जोरदार जश्न मनाया। लिवरपूल को पिछले साल चैंपियंस लीग के फाइनल में रियाल मैड्रिड के हाथों शिकस्त मिली थी और फिर उसने मैनेचेस्टर सिटी के हाथों प्रीमियर लीग का खिताब गंवाया था।
पिछले साल रियाल मैड्रिड के हाथों मिली हार के बाद से सालाह ने चोट से उबरते हुए जोरदार वापसी करते हुए लिवरपूल की खिताबी जीत का सूखा खत्म कर दिया। ये टीम के जर्मन मैनेजर जर्गेन क्लॉप के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में लिवरपूल की पहला खिताबी जीत है। इस जीत के साथ ही जर्मन कोच जर्गेन क्लॉप ने लगातार छह फाइनल में खिताबी हार के रिकॉर्ड के सिलसिला को भी खत्म कर दिया।