फीफा वर्ल्ड कप 2018: पुर्तगाल का होगा सपना पूरा या स्पेन मारेगा बाजी? ग्रुप-बी की ये है तस्वीर
By विनीत कुमार | Published: June 11, 2018 06:25 AM2018-06-11T06:25:19+5:302018-06-11T06:25:19+5:30
इस वर्ल्ड कप में 32 टीमें खेल रही हैं और इन सभी को 8 ग्रुप में बांटा गया है।
नई दिल्ली, 11 जून: फीफा वर्ल्ड कप का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और फुटबॉल फैंस 14 जून का इंतजार कर रहे हैं जब दुनिया की 32 बेहतरीन टीमें एक ट्रॉफी के लिए जद्दोदहद करती नजर आएंगी। इस वर्ल्ड कप में 32 टीमें खेल रही हैं और इन सभी को 8 ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप-बी की बात करें इस पर खास नजरें होंगी क्योंकि मौजूदा महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक स्टार इस ग्रुप में अपने देश के लिए जौहर दिखाता नजर आएगा। हम बात कर रहें क्रिस्टियानो रोनाल्डो की जो पुर्तगाल की कमान संभालेंगे।
ग्रुप-बी में चार टीमें हैं। पुर्तगाल के अलावा इस ग्रुप में 2010 के चैम्पियन स्पेन, मोरक्को और ईरान की टीमें हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि ग्रुप स्टेज से आगे जाने के लिए अहम लड़ाई पुर्तगाल और स्पेन के बीच होने वाली है। आईए, हम आपको देते हैं हर टीम से जुड़ी अहम जानकारी...
पुर्तगाल: इस टीम का प्रमुख चेहरा क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं। रोनाल्डो 33 साल के हो चुके हैं और संभव है कि ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा। फीफा वर्ल्ड कप में रोनाल्डो के नाम 3 गोल हैं। पुर्तगाल ने फीफा वर्ल्ड में 6 बार हिस्सा लिया है और अब तक कभी भी विजेता नहीं रही है। पुर्तगाल का सबसे उम्दा प्रदर्शन 1966 में रहा था जब टीम तीसरे स्थान पर रही थी। पुर्तगाल का ये पहला वर्ल्ड कप भी था। वर्ल्ड कप 2018 में टीम के कोट फर्नांडो सांतोस होंगे। साल 2016 में मेजबान फ्रांस को हराकर यूरोपियन चैम्पियनशिप पर कब्जा जमाकर पुर्तगाल ने सभी को चौंका दिया था। पुर्तगाल फीफा रैंकिंग में चौथे स्थान पर है। (और पढ़ें- FIFA World Cup 2018, Group A: मेजबान रूस के 'ग्रुप-ए' में नजरें उरूग्वे और मिस्र के स्टार मोहम्मद सालाह पर)
स्पेन: दक्षिण अफ्रीका में 2010 में हुए वर्ल्ड कप में टिकी-टाका फॉर्मेट से खिताब पर कब्जा जमाने वाले स्पेन का पिछला वर्ल्ड कप अनुभव बेहद खराब रहा था। टीम को पहले ही दौर में बाहर होना पड़ा था। टीम को 2016 में यूरोपियन चैम्पियनशिप के फाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसके बाद बदले कोच जुलेन लोपेटेगुई के आने से स्पेन के फैंस बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं। स्पेन के फैंस को सबसे बड़ी उम्मीद आंद्रे इनिएस्ता से होगी।
इनिएस्ता क्लब फुटबॉल में बार्सिलोना के लिए खेलते हैं। 2010 के फाइनल में इनिएस्ता ने ही विनिंग गोल दागा था। इसके अलावा इस्को का आक्रामक खेल भी स्पेन की राह आसान कर सकता है। सर्जियो रामोस, गोरार्ड पिक, जोर्डी आल्वबा और डानी कैरवाजल भी बड़े नाम हैं। स्पेन फीफा रैंकिंग में 10वें स्थान है।
मोरक्को: यह टीम 20 साल बाद वर्ल्ड कप में खेलती नजर आएगी। फीफा रैंकिंग में नॉर्थ अफ्रीका की यह टीम 41वें स्थान है। इस टीम में अजाक्स जैसे युवा खिलाड़ी के साथ-साथ हाकिम जियेक और यूनेस बेलहांडा जैसे बेहतरीन खिलाड़ी है। इसके अलावा नाबिल डिरार भी बड़ा नाम है। टीम के कोच फ्रांस के हेर्व रेनार्ड हैं जिन्होंमे टीम में अनुशासन लाने के लिए कई प्रयास किए और इसमें उन्हें काफी परेशानी भी झेलनी पड़ी। रेनार्ड का अफ्रीकी टीमों के साथ अनुभव अच्छा रहा है। उनकी कोचिंग के कार्यकाल में जांबिया ने 2012 में अफ्रीकन कप ऑफ नेशंस खिताब जीता था। इसके तीन साल बाद आइवरी कोस्ट ने भी यह खिताब अपने नाम किया था। (और पढ़ें- FIFA World Cup: अर्जेंटीना के मैच वाले दिन इस दुकान पर चाय-समोसा मुफ्त! मिलिए, मेसी का 'सबसे बड़े' फैन से)
ईरान: यह टीम अपना पांचवां वर्ल्ड कप खेलेगी। साथ ही ये पहला मौका है जब ईरान ने दूसरी बार लगातार वर्ल्ड कप के लिए क्लॉलिफाई किया है। 2014 में ईरान को कोई जीत नसीब नहीं हुई थी। हालांकि, इस बार पुर्तगाली कोच कार्लोस क्वेरोज के नेतृत्व में टीम ने दावा किया है कि वो नॉकआउट स्टेज में जाने की कोशिश करेगी। टीम के मुख्य खिलाड़ियों की बात करें तो 23 साल के सरदार अजमुन पर खास निगाहें होंगी। 2015 के एशियन कप में उनका प्रदर्शन काफी प्रभावी रहा था और इस युवा खिलाड़ी के नाम अभी ही 22 इंटरनेशनल गोल दर्ज हैं। ईरान फीफा रैंकिंग में 37वें स्थान पर है। (फीफा वर्ल्ड कप से जुड़ी सारी खबरें यहां पढ़ें)