वोल्गोग्राद, 26 जून। रूस में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप के 21 सीजन ग्रुप ए के अंतिम मुकाबले में मिस्र की टीम ने सऊदी अरब के खिलाफ 2-1 से हारकर अपने सफर का अंत किया। मिस्र की टीम के लिए यह टूर्नामेंट खास नहीं रहा, लेकिन उसके गोलकीपर एसाम अल हदारी के लिए आखिरी मैच बेहद खास रहा।
45 साल की उम्र में खेला विश्व कप
अल हदारी ने सऊदी अरब के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप में डेब्यू किया और इसी के सात वो विश्व कप खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए। 45 वर्षीय अल हदारी ने कोलंबिया के गोलकीपर फेरिड मोंड्रेगोन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जिन्होंने साल 2014 में ब्राजील में खेले गए विश्व कप में 43 साल और तीन दिन की उम्र में जापान के खिलाफ मैच में उतरे थे।
डेनियल अरजानी हैं सबसे युवा खिलाड़ी
अगर सबसे युवा प्लेयर की बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया के मिडफील्डर डेनियल अरजानी का नाम आता है, जिनकी उम्र 19 साल 5 महीने है। वैसे, इस टूर्नमेंट में 7 खिलाड़ी ऐसे हैं जिनकी उम्र 20 साल से कम है। इस बार टूर्नमेंट में भाग लेने रूस पहुंचे 736 प्लेयर्स की औसत उम्र करीब 28 साल है, जो कि इस टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे ज्यादा औसत उम्र है।
नाइजीरिया की टीम है सबसे जवान
हम अगर टीमों की औसत उम्र का जिक्र करें तो नाइजीरिया टीम सबसे जवां है, वहीं पनामा व कोस्टा रिका सबसे उम्रदराज टीमें हैं। नाइजीरियाई टीम की औसत उम्र 25.9 है, जबकि पनामा व कोस्टारिका की औसत उम्र 29.6 है। दिलचस्प बात यह है कि पनामा की टीम पहली बार वर्ल्ड कप में भाग ले रही है। सबसे युवा टीम में एंटोनियो ग्रीजमैन की टीम फ्रांस और हैरी केन की टीम इंग्लैंड संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर है। दोनों की औसत उम्र 26 साल है।
मिस्र की टीम कर पाई सिर्फ एक गोल
सऊदी अरब के खिलाफ मिस्र को 2-1 से हार का सामना करना पड़ा और इसी के साथ उसका इस साल विश्व कप का अभियान भी खत्म हो गया। वहीं सऊदी अरब की इस टूर्नामेंट में यह पहली जीत है। मैच के 22वें मिनट में अबदल्लाह अल साइद ने हाफ लाइन के पास से मिस्र के स्टार फारवर्ड मोहम्मद सलाह को पास दिया, जिन्होंने गेंद पर अच्छा नियंत्रण बनाया और गोकलीपर के ऊपर से चिप करके अपनी टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी।
सऊदी अरब को 41वें मिनट में पेनाल्टी के जरिए गोल दागने का मौका मिला, लेकिन विश्व कप में भाग लेने वाले उम्रदराज खिलाड़ी मिस्र के 45 वर्षीय गोलकीपर एसाम अल हादरी ने अपनी दाईं ओर कूदते हुए शानदार बचाव किया। हलांकि, वह ज्यादा देर तक अपनी टीम की बढ़त को कायम नहीं रख पाए।
पहले हाफ के इंजुरी टाइम (51वें मिनट) में सऊदी अरब के सलमान अल-फराज ने पेनाल्टी के जरिए गोल दागकर अपनी टीम को बराबरी दिला दी। मैच के अंतिम 10 मिनटों में दोनों टीमों ने गोल दागने की कोशिश की और अंत में सफलता सऊदी अरब के हाथ लगी। इंजुरी टाइम (95वें मिनट) में अबदुल्ला ओतायेफ बॉक्स में शानदार क्रॉस दिया जिस पर हेडर लगाते हुए सालेम अल-दवसारी ने अपनी टीम के लिए विजयी गोल किया।