आजादी के पहले के हैं ये 6 कॉफी हाउस, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर समेत पीएम मोदी के भी हैं पसंदीदा

By मेघना वर्मा | Updated: August 13, 2018 13:21 IST2018-08-13T11:47:54+5:302018-08-13T13:21:38+5:30

Independence Day 2018 Special: राज कपूर और सत्यजीत रे जैसी हस्तियां भी कोलकाता के फ्लूरी कॉफी हाउस में आने से खुद को नहीं रोक पाए।

Independence Day 2018 Special:: India oldest coffee houses legendary history | आजादी के पहले के हैं ये 6 कॉफी हाउस, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर समेत पीएम मोदी के भी हैं पसंदीदा

आजादी के पहले के हैं ये 6 कॉफी हाउस, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर समेत पीएम मोदी के भी हैं पसंदीदा

भारत के कॉफी हाउस भारतीय के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं। आज भले ही यह कॉफी हाउस दोस्तों के गपबाजी और मस्ती का अड्डा बन गया हो मगर इतिहास गवाह है कि कॉफी हाउस में देश की आजादी को लेकर कई कहानियां और आन्दोलन गढ़े गए। ये वही जगह थी जहां सभी क्षेत्रों के लोग इकट्ठे होकर राजनीति विचार-धारा से देश को आजाद कराने के लिए रणनीतियां बनाया करते थे। आज भी आप इन कॉफी हाउस में प्रवेश करेंगे तो आपको कॉफी की भीनी खूशबू के साथ कुछ पुराने युग की यादों में भी डूब जाएंगें। आजादी के इस जश्न में हम आपको देश के ऐसे ही कुछ पुराने कॉफी हाउस से रूबरू करवाने जा रहे हैं जहां एक बार आपको जरूर जाना चाहिए। 

1) यूनाइटेड कॉफी हाउस, दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली ही वह जगह है जहां से देश को आजादी का नींव मिली थी। दिल्ली के दिल, कनॉट प्लेस पर, यूनाइटेड कॉफी हाउस है। यह कभी एक किराने की दुकान हुआ करती थी।  इस दुकान को लाला हंस राज कालरा ने खरीद लिया। इसके बाद इसे एक पूर्ण बदलाव दिया। जिसका नाम यूनाइटेड कॉफी हाउस रखा गया। 1942 में इसे जनता के लिए खोल दिया गया था।
इसकी सुनहरी दीवारें, झूमर, और विक्टोरियन वास्तुकला के तत्व कई कलाकार, वकील, कवि और बौद्धिक के लिए उस समय आश्रय थे।

2) कैनरा कॉफी हाउस, वडोदरा

डंडिया बाजार रोड पर स्थित वडोदरा का सबसे पुराना कॉफी हाउस 2016 में ध्वस्त होने के बाद वापसी की तैयारी कर रहा है। यह क्लासिक व्यंजन और फास्ट सर्विस के लिए जाना जाता था। 
पांडुरंग माधव कुड्डा, जो वर्षों से कॉफी हाउस चला रहे हैं, वडोदरा के सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। आज, यदि आप इस कॉफी हाउस की सैर करेंगे तो आपको यहां आज भी 40 साल पुराने स्टाफ मिलेंगे जो मुस्कुराकर आपका स्वागत करेंगे। 

3) मावलीली टिफिन रूम, बैंगलोर

1924 में, तीन भाई परमेश्वर माया, गणप्पाय माया और यज्ञानारायण माया ने लालबाग मेन रोड पर मावलीली टिफिन रूम (जिसे एमटीआर कहा जाता है) की स्थापना की। अवसरों की तलाश में उडुपी में अपने घर छोड़कर, भाइयों ने खाना पकाने में अपनी ताकत साबित कर दी, जिससे उन्हें अपना पहला कॉफी हाउस संयुक्त रूप से शुरूकिया। इस कॉफी हाउस के नाम अब तक यह रिकॉर्ड भी रहा है कि यहां 7 घंटे में 21,000 मेहमानों को सर्व किया है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब चावल की कमी हुई थी तो इन्होंने सूजी के आटा को प्रतिस्थापित करने का दावा किया, जिससे प्रतिष्ठित रावा बना। एमटीआर के नाम से आज बाजार में बिकने वाले ये डोसे आज, दुनिया के सबसे अच्छे डोसों में से एक माना जाता है। 90 साल का ये कैफे आज भी लोगों के दिलों में घर करके बैठा है। 

4) फ्लूरी, कोलकाता

कोलकाता के दिल में स्थित, फ्लूरी की स्थापना स्विस जोड़ी, जोसेफ और फ्रिडा फ्लुरी द्वारा 1927 में हुई थी। भारत में औपनिवेशिक शासन के समय के दौरान, यह वह जगह थी जहां आप अंग्रेजी नाश्ता और स्वादिष्ट बेक्ड सामानों का आनंद ले सकते थे। उनकी रम गेंदें उनकी कॉफी के रूप में प्रतिष्ठित हो गईं। राज कपूर और सत्यजीत रे जैसी हस्तियां भी यहां बार-बार आने से खुद को नहीं रोक पाए। अफवाह तो ये भी थी की सत्यजीत रे ने यहां अपना क्रेडिट अकाउंट चलाते हैं। 

5) फेवरेट केबिन, कोलकाता

कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर से बाहर लेन में छिपी हुई एक छोटी सी दुकान है, जो 94 से अधिक वर्षों से भी अधिक से लोगों की सेवा कर रहा है। यह भाइयों नतन चंद्र बरुआ और गौर चंद्र बरुआ ने शुरू किया था। इस कैफे में ही स्वदेशी आंदोलन की चर्चाएं हुआ करती थीं उसनें सभी कोलकाता वासियों को देश के इस मूवमेंट से जोड़ दिया था। नेता जी सुभाष चंद्र बोस की भी यह पसंदीदा जगह हुआ करती थी। 

6) इंडियन कॉफी हाउस

इंडियन कॉफी हाउस 1936 में कॉफी सेस कमेटी द्वारा शुरू की गई थी लेकिन 1950 के दशक के मध्य तक इसपर बंद होने का खतरा मंडरा रहा था। मगर कॉफी हाउस के मजदूर एक साथ आए और इसे बचा लिया गया। भारत के स्वतंत्रता से जुड़े कई अहम फैसले यही हुए। इन कॉफी हाउस में सबसे मशहूर कोलकाता का कॉफी हाउस था जिसे रवीन्द्र नाथ टैगोर ने भी अपना पसंदीदा बताया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शिमला के इंडियन कॉफी हाउस को अपना पसंदीदा बताया है। आज, भारत भर में 400 से अधिक श्रृंखलाओं के साथ, इंडियन कॉफी हाउस सबसे पसंदीदा कॉफी शॉप बनी हुई है।

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Web Title: Independence Day 2018 Special:: India oldest coffee houses legendary history

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