लाइव न्यूज़ :

भारत में प्राइमरी स्कूल के बच्चों का स्तर बेहद खराब, रिपोर्ट में दावा- तीसरी के बच्चे नहीं हल कर पाते साधारण जोड़-घटाव

By भाषा | Updated: September 19, 2018 14:33 IST

रिपोर्ट में वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2017 के आंकडों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस समस्या के सामने आने के बाद भारत और अन्य देशों में इस पर ध्यान दिया जाने लगा है।

Open in App

नई दिल्ली, 19 सितंबर: एक नयी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी पढ़ और समझ पाते हैं तथा दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं। ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार के अपने राष्ट्रीय आकलन सर्वे में भी यह पता चला है कि इस तरह के बच्चों की बड़ी तादाद है, जिनमें सीखने का स्तर बेहद कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी को पढ़ और समझ पाते हैं तथा एक या दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं। ’’

रिपोर्ट में वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2017 के आंकडों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस समस्या के सामने आने के बाद भारत और अन्य देशों में इस पर ध्यान दिया जाने लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा दिल्ली और राजस्थान की सरकारें इसमें सुधार करने की व्यवस्था कर रही हैं। भारत में नेता इस मुद्दे को एजेंडे में रख रहे हैं। विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2018 में शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।

टॅग्स :एजुकेशन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार के सरकारी स्कूलों में सामने आ रहा है गैस सिलेंडर घोटाला, राज्य के 22,838 स्कूलों ने नहीं लौटाए आईओसी को 45,860 सिलेंडर

भारतBihar Board Exam 2026 date sheet: बिहार बोर्ड परीक्षा की डेट शीट जारी, इंटर 2 फरवरी से, दसवीं की 17 फरवरी से होगी परीक्षा

कारोबारऐसी शिक्षा चाहते हैं जो करियर बनाने में सहायक हो?, 97 प्रतिशत भारतीय छात्र ने अध्ययन में किया खुलासा, विदेश में अध्ययन करने के लिए रोजगार, कार्य अनुभव और कौशल आवश्यक

भारतCBSE 10 and 12 Board Exam 2026 date: सीबीएसई ने कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा की

भारतCBSE ने बदल दिया पूरा पैटर्न: रटंती विद्या पर नहीं, अब बच्चों का मूल्यांकन उनके सोचने, समझने और प्रयोग करने की क्षमता पर होगा आधारित

पाठशाला अधिक खबरें

पाठशालास्प्रिंगर नेचर ने ICSSR, दिल्ली में 'इंडिया रिसर्च टूर' के तीसरे संस्करण को दिखाई हरी झंडी

पाठशालापढ़ाई पर है पूरा ज़ोर, नहीं रहेगा बच्चा कमजोर

पाठशालासत्यार्थी समर स्कूल: 11 देशों के प्रतिभागियों ने किया दिल्ली और राजस्थान आश्रम का दौरा

पाठशालाJEE Advanced: मन में है विश्वास हम होंगे कामयाब?, लगन और जुनून तो मंज़िल मुश्किल नहीं

पाठशालारूस-यूक्रेन के डर के बीच किर्गिस्तान में मेडिकल पढ़ाई को मिल रहा नया ठिकाना