दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव में आरएसएस से जुड़े एबीवीपी ने शुक्रवार को अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई को सचिव पद पर जीत मिली।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अश्वित दहिया ने अध्यक्ष पद के लिए नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के चेतन त्यागी को 19 हजार मतों से पराजित किया। एबीवीपी के प्रदीप तंवर और शिवांगी खरवाल उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर क्रमश: 8574 और 2914 वोटों से विजयी रहे।
एनएसयूआई ने सचिव पद पर जीत हासिल की और इसके उम्मीदवार आशीष लांबा ने एबीवीपी के योगी राठी को 2053 वोटों से हराया। डूसू चुनावों में बृहस्पतिवार को 39.90 फीसदी वोट पड़े जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब चार फीसदी कम थे। पिछले वर्ष के चुनाव में 44.46 फीसदी वोट पड़े। डूसू में चार पदों के लिए चुनाव ईवीएम में खराबी के आरोपों के बीच संपन्न हुए। चार महिलाओं सहित 16 उम्मीदवार मैदान में थे और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
एबीवीपी ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पदों पर जीत हासिल किया है। वहीं, एनएसयूआई को सचिव पद पर ही जीत हासिल हुई। एबीवीपी की तरफ से अध्यक्ष पद पर अक्षित दहिया जीते हैं। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार प्रदीप तंवर और जॉइंट सेक्रेटरी पर शिवांगी खरवाल ने जीत का परचम लहराया।
इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के लिए मतगणना सुबह साढ़े आठ बजे शुरू होनी थी लेकिन उम्मीदवारों के देर से आने के कारण यह करीब दो घंटे की देर से शुरू हुई
जिन स्क्रीन्स पर लाइव मतगणना दिखाई जा रही थी उसमें तकनीकी खामी आ गयी जिसके बाद उम्मीदवारों ने उसे ठीक करने की मांग की। एक स्क्रीन के शुरू होने के बाद मतगणना करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई। शुरुआत में केवल एक ईवीएम के मतों की गिनती की गई लेकिन बाद में सभी स्क्रीन काम करने लगे और फिर चार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर मतगणना शुरू हुई।।
ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बीच डूसू के चार पदों के लिए मतदान हुआ। इस चुनाव में चार महिलाओं समेत 16 उम्मीदवार मुकाबले में थे और 52 मतदान केंद्र बनाए गए। चुनाव में 1.3 लाख से अधिक छात्र मतदान के पात्र थे। छात्र संघ चुनावों के लिए 144 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया और कॉलेज यूनियन चुनावों के लिए 137 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया।