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महाराष्ट्र शिक्षा उत्सव पर कोरोना वायरस का खौफ, अब राज्य में आए Covid-19 के 11 मामले

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 12, 2020 16:41 IST

महाराष्ट्र शिक्षा उत्सव 16 मार्च और 20 मार्च को आयोजित किया जाएगा. इन दिनों राज्य में 10वीं बोर्ड और 12वीं बोर्ड के एग्जाम भी चल रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का केस पुणे (8 मामले) और नागपुर में आया है.

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में शिक्षा उत्सव को लेकर शिक्षा विभाग ने दो अलग अलग लेटर जारी किए हैं, जिससे दुविधा की स्थिति हो गई है.कोरोना वायरस के चलते हर जगह भीड़ एकत्रित नहीं करने की एडवाइजरी जारी की गई है, इसके उलट शिक्षा उत्सव में बच्चे शामिल होने जा रहे हैं.

महाराष्ट्र शिक्षा उत्सव यानि शिक्षोत्सव पर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। बोर्ड परीक्षा के बीच शिक्षा उत्सव करवाए जाने को लेकर विपक्ष पहले ही सवाल उठा रहा है। अब प्रशासन के दो आदेशों ने चलते शिक्षा उत्सव को लेकर दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई है। महाराष्ट्र शिक्षा आयुक्त के राज्य के सभी शिक्षा अधिकारियों को कोरोना वायरस के खतरे के बीच एहतियात बरतने का पत्र भेजा है। वहीं महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक परिषद ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खौफ के बीच शिक्षा उत्सव आयोजित करने का निर्देश शिक्षा अधिकारियों को दिया है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 11 मामले सामने आ चुके हैं।

राज्य के शिक्षा आयुक्त विशाल सोलंकी ने 9 मार्च को भेजे गए पत्र में साफ निर्देश दिए हैं कि नोवेल कोरोना विषाणु का संक्रमण रोकने के लिए आम जनता और विद्यार्थियों में जागरूकता निर्माण करना आवश्यक है। इसमें बार-बार हाथ धोना, श्वसन से संबंधित शिष्टाचार का पालन करना, बीमार होने पर स्कूल नहीं जाना और बीमार व्यक्ति से एक मीटर दूर रहना आदि के बारे में विद्यार्थियों में जनजागृति करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार सामूहिक आयोजन टालने की सलाह भी दी है।

उधर, महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षा उत्सव आयोजन करने के निर्देश शिक्षाधिकारियों को दिए हैं। इसके अनुसार शिक्षाधिकारियों ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को शिक्षा उत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए दोनों पत्र अलग-अलग दिशा में हैं । एक तरफ जहां संपूर्ण देश में कोरोना वायरस से बचने के लिए लामबंदी के खिलाफ आदेश जारी किए गए हैं, भीड़ से बचने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इस बीच शिक्षा उत्सव व्यवस्था से जुड़े लोगों में भ्रम की स्थिति है। उनका कहना है कि शिक्षोत्सव का आयोजन एक तरह से भीड़ एकत्रित करने का मामला है। इससे ऐन परीक्षा की तैयारी के बीच शिक्षक और विद्यार्थी विचलित हो जाएंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण शिक्षक सेना (MNS) के राज्य महासचिव शरद भंडारकर ने कहा है कि अभी कोरोना वायरस की दहशत है। शिक्षा विभाग ने इस तरह के उत्सव न मनाते हुए भीड़ से बचने के प्रयास करने चाहिए। उत्सव के लिए मंजूर निधि अन्य पिछड़े समूह के विद्यार्थियों के यूनिफॉर्म खरीदने के लिए खर्च किए जा सकते हैं।

जानें क्या है शिक्षा उत्सव

महाराष्ट्र सरकार ने सभी स्कूलों से 16 मार्च तक ताल्लुका स्तर पर और 20 मार्च को जिला स्तर पर शिक्षा उत्सव आयोजित करने के कहा है। इसमें स्टॉल लगाए जाते हैं और अन्य गतिविधियां की जाती हैं। महाराष्ट्र बोर्ड के 10वीं और 12वीं के एग्जाम 23 मार्च को खत्म हो रहे हैं। इस बीच में शिक्षा उत्सव करवाने को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने नाराजगी जताई है।

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