कोरोना काल में 9वीं से 12वीं तक के छात्र मोबाइल-टीवी से पढ़ेंगे, प्राइमरी तक के छात्रों के लिए अभिभावक ही बनेंगे गुरुजी

By एसके गुप्ता | Published: May 8, 2020 06:14 PM2020-05-08T18:14:42+5:302020-05-08T18:21:42+5:30

एनसीईआरटी के निदेशक डा. हृषिकेश सेनापति ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण काल में घर में रखकर छात्रों को कैसे पढाया।

Corona period, students from 9th to 12th will study through mobile-TV, for the students up to primary | कोरोना काल में 9वीं से 12वीं तक के छात्र मोबाइल-टीवी से पढ़ेंगे, प्राइमरी तक के छात्रों के लिए अभिभावक ही बनेंगे गुरुजी

कोरोना काल में 9वीं से 12वीं तक के छात्र मोबाइल-टीवी से पढ़ेंगे, प्राइमरी तक के छात्रों के लिए अभिभावक ही बनेंगे गुरुजी

Highlightsएनसीईआरटी ने स्कूली पढाई के लिए राष्ट्र व्यापी मॉडल किया तैयार, पीएम नरेंद्र मोदी कक्षा एक से 12वीं तक के लिए फुल-डे डीटीएच चैनल करेंगे लॉन्चस्कूल खुलने पर सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए 50 फीसदी छात्रों को पहले दिन और 50 फीसदी छात्रों को दूसरे दिन बुलाने का सुझाव, अंतिम निर्णय केंद्र सरकार का होगा  

कोरोना संक्रमण काल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की पढाई मोबाइल-टीवी पर होगी और प्राइमरी के छात्रों को घरों में अभिभावक ही गुरूजी बनकर पढाएं। यह मॉडल नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने तैयार किया है। जिससे छात्रों की पढाई भी प्रभावित न हो और छोटे बच्चों में मोबाइल फोन की लत न लगे। 

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर एनसीईआरटी ने पढाई के नए मॉड्यूल तैयार किए हैं। एनसीईआरटी के निदेशक डा. हृषिकेश सेनापति ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण काल में घर में रखकर छात्रों को कैसे पढाया और सिखाया जाए इस पर फोकस किया गया है। कक्षा एक से बारहवीं तक के छात्रों के लिए दूरदर्शन पर एक फुल-डे चैनल लांच की तैयारी चल रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ करेंगे। इसमें दो-दो घंटे के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। यह प्रोग्राम मुख्यत कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों के लिए होंगे। जिससे छात्रों को मोबाइल की लत न लगे। क्योंकि एक तरफ तो हम कह रहे हैं कि 14 साल तक के बच्चे को ईमेल और फोन इस्तेमाल से दूर रखना है। 

वहीं अब प्राइमरी कक्षाओं की सारी पढाई और टेस्ट फोन पर हो रहे हैं। नियमों का सही तरह से पालन हो सके इसके लिए रेडियो और टीवी पर कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे और मोबाइल, टेब या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढाई केवल 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए होगी।

एनसीईआरटी के निदेशक डा. हृषिकेश सेनापति ने लोकमत से बाचतीत में कहा कि जहां तक स्कूलों को फिर से खोलने की बात है तो यह बहुत जरूरी है। फिलहाल इसके लिए सरकार को सुझाव दिया है कि जून या ग्रीष्मावकाश की छुटिटयों के बाद स्कूलों को खोलने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के पालन के तहत 50-50 के ऑड-ईवन मॉडल अपनाया जा सकता है। 

छात्रों का सही मूल्यांकन तभी संभव है जब वह स्कूल जाएं और वहां के माहौल में सीखें। कक्षा में 50 फीसदी छात्र पहले दिन और बाकी के 50 फीसदी छात्र दूसरे दिन आएं। यह एक तरह का सुझाव है अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अगले सप्ताह बारहवीं के छात्रों के लिए एकेडमिक कैलेंडर जारी करेंगे और एनसीईआरटी की सिफारिशों पर बैठक लेंगे। जिसके बाद कमेटी की सिफारिशों के तहत राष्ट्र व्यापी मॉडल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

पांचवीं तक के लिए स्टडी मॉड्यूल

एनसीईआरटी ने पांचवी तक के छात्रों के लिए करके सीखने का मॉड्यूल तैयार किया है। जिससे बच्चे सारे दिन फोन में न लगे रहें और शिक्षक जो टास्क बच्चे को देंगे उसमें अभिभावक की मदद से बच्चा घर बैठकर उसे पूरा करेगा। अगर अभिभावक को कोई मदद चाहिए तो शिक्षक फोन पर अभिभावको इसकी जानकारी देकर समझाएंगे। इसके अलावा छात्रों के वर्चुअल ग्रुप बनाकर लर्निंग को बढावा दिया जाए। 

छात्रों को कितना समझ में आएगा इसके लिए ओरल क्लासेस के तौर पर शिक्षक बच्चे से फोन पर बात करके जानकारी पा सकेंगे और उसके आधार पर मूल्यांकन कर सकेंगे। यह जरूरी नहीं है कि हर छात्र के पास ऑनलाइन पढाई की सुविधा हो। 

देश के दूर-दराज के क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए फुल-डे चैनल शुरू करने और रेडियो प्रोग्राम शुरू करने का सुझाव दिया गया है। जिसका मॉडल तैयार है। इसके अलावा आठवीं तक के छात्रों के लिए ई-पाठशाला के माध्यम से एक्सट्रा करिकुलर एक्टीविटीज और एसाइनमेंट प्रभावित न हों। इसके लिए शिक्षक-अभिभावकों की मदद से छात्रों को पढाएंगे। जहां इंटरनेट कनेक्टीविटी नहीं है वहां शिक्षक फोन के माध्यम से छात्रों को पढाएंगे।

महाराष्ट्र मॉडल है श्रेष्ठ

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने महाराष्ट्र के ई-मित्र एप को ही दीक्षा पोर्टल के रूप में बदला है। जिससे देश भर के छात्र इससे स्कूली शिक्षा के ऑनलाइन प्रोग्राम का लाभ पा सकें। महाराष्ट्र एससीईआरटी, पुणे के उपनिदेशक विकास नामदेव गरड ने लोकमत से विशेष बातचीत में बताया कि हाल ही में यूनिसेफ, प्रथम संस्था के सहयोग से उन्होंने बुकीबुक नाम का कोरोना वॉरियर्स वेब बनाया है। जिस पर बच्चा अपना नाम लिखते हैं तो उनका नाम वाली किताबें तैयार होकर उन्हें मिलती हैं।

जिन किताबों के अध्यायें में छात्र को नायक के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है। हर जगह उसका नाम लिखा होता है। यह किताबें छात्र आपस में खूब शेयर कर रहे हैं। ऐसे ही मिस्ड कॉल दो कहानी सुनो मुहिम शुरू की गई है। जिसके तहत छात्र 08033094243 पर मिस्ड कॉल कर। मराठी, हिंदी या अंग्रेजी में कहानी सुन सकते हैं। हर बार नई कहानी छात्र को सुनने को मिलेगी। जून के प्रथम सप्ताह तक बारहवीं कक्षा का नया सिलेबस तैयार कर जारी कर दिया जाएगा। क्योंकि नए सत्र के लिए इस बार नया सिलेबस जारी होना है।

झारखंड ने छात्रों को बांटे हैं 46000 टेबलेट

एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ई-पाठशाला एप पर एनसीईआरटी की तमाम पाठ्य सामग्री उपलब्ध है। सरकार के कहने पर पिछले साल एनसीईआरटी ने हजारों प्रोग्राम में से राज्य सरकार के आग्रह पर 300 प्रोग्राम छात्रों के टेबलेट में ऑफलाइन मोड के अपलोड किए हैं। जिससे वहां 9वीं से 12वीं तक के छात्र बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के पढ़ सकते हैं। ऐसा मॉडल अन्य राज्य भी अपना सकते हैं।  

Web Title: Corona period, students from 9th to 12th will study through mobile-TV, for the students up to primary

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