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CBSE Board Exam 2021: छात्रों के लिए खुशखबरी, सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं होंगी आसान, पूछे जाएंगे 40 से 50% ऑब्जेक्टिव प्रश्न

By एसके गुप्ता | Updated: April 26, 2020 08:24 IST

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए नया ब्लू प्रिंट तैयार किया है. जिससे बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न आसान हो जाएगा. नए बदलाव के तहत 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अगले साल यानी 2021 से 40 से 50% प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप पूछे जाएंगे.

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ठळक मुद्देकेंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए नया ब्लू प्रिंट तैयार किया है. जिससे बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न आसान हो जाएगा.नए बदलाव के तहत 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अगले साल यानी 2021 से 40 से 50% प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप पूछे जाएंगे.

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए नया ब्लू प्रिंट तैयार किया है. जिससे बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न आसान हो जाएगा. नए बदलाव के तहत 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अगले साल यानी 2021 से 40 से 50% प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप पूछे जाएंगे. फिलहाल परीक्षा में बदलाव का यह प्रस्ताव बोर्ड ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा है.

मंत्रालय से कोरोना महामारी जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर परीक्षा पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव की अनुमति मांगी गई है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड की ओर से परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव का प्रस्ताव भेजा गया है. फिलहाल इस पर विस्तृत चर्चा की जरूरत है. जिसके बाद बोर्ड परीक्षा का पैटर्न पूरी तरह से बदल जाएगा. सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि बोर्ड ने इस साल 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 20-20% ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे हैं.

नए बदलावों के तहत अगले साल के लिए इन प्रश्नों की संख्या 40 से 50% किए जाने की अनुमति मंत्रालय से मांगी गई है. इसके अलावा एक अन्य प्रस्ताव में भविष्य में केवल भाषाई विषयों के लिए ही लिखित परीक्षाएं कराने और अन्य विषयों की परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर करने का विचार भी शामिल है. इसके संबंध में तर्क दिया गया है कि छात्रों के जो प्री-बोर्ड या होम टेस्ट होंगे उन परीक्षाओं में छात्र के प्रदर्शन को इंटरनल अस्समेंट के तहत बोर्ड परीक्षा में 20 से 30% वैटेज देने का सुझाव भी दिया गया है. जिससे छात्रों की ओवरऑल परफॉर्मेंस काउंट हो सके.

छात्रों के लिए क्यों है फायदेमंद

छात्रों को बोर्ड परीक्षा के बाद जेईई मेन, एडवांस या नीट जैसी परीक्षाएं भी आब्जेक्टिव पैटर्न पर देनी होती हैं. इससे बोर्ड के बाद अचानक परीक्षाओं के पैटर्न में होने वाले बदलावों से छात्र अंजान नहीं होंगे. बोर्ड परीक्षा के विस्तृत जवाब लिखने की बजाय छात्रों को चार में से एक सही जवाब देकर आगे बढ़ना होगा. इससे परीक्षा का पैटर्न आसान बनेगा और छात्र बोर्ड परीक्षा के तनाव से भी मुक्त होंगे. जहां तक छात्रों की लिखित क्षमता को जांचने की बात है तो इसका आंकलन भाषाई विषय की लिखित परीक्षा के आधार पर किया जा सकेगा.

बोर्ड को होगा लाभ

हर साल बोर्ड परीक्षा में छात्रों की संख्या बढ़ रही है. इस साल 10वीं-12वीं में कुल मिलाकार 31 लाख से ज्यादा छात्र पंजीकृत हुए हैं. ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर परीक्षाएं होने से रिजल्ट जल्द तैयार होगा. 100% ऑब्जेक्टिव पैटर्न आने पर परीक्षाओं का आयोजन कम्प्यूटर बेस्ड हो जाएगा. जैसा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से परीक्षा का आयोजन किया जाता है. इससे उत्तर पुस्तिकाओं को जंचवाने के लिए ज्यादा संख्या में स्कूली शिक्षकों की जरूरत नहीं पड़ेगी और परिणाम भी त्रुटि मुक्त और समय से आएंगे.

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