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इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए अब 12वीं में गणित और फिजिक्स की अनिवार्यता खत्म, AICTE ने लिया फैसला

By विनीत कुमार | Updated: March 12, 2021 11:36 IST

AICTE ने इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिले के लिए गणित और फिजिक्स की 12वीं में पढ़ाई की अनिवार्यता को खत्म करने का फैसाल किया है। इस पर विवाद भी शुरू हो गया है।

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ठळक मुद्दे12वीं में अगर गणित और भौतिकी की पढ़ाई नहीं की तो भी इंजीनियरिंग में ले सकेंगे दाखिलानए नियमों में गणित और भौतिकी की 12वीं में पढ़ाई को AICTE ने ऑप्शनल बना दिया हैAICTE के फैसले पर विवाद, कई जानकार मानते हैं कि इससे नए इंजीनियरों के स्तर पर प्रतिकूल असर होगा

साल 2021-22 सत्र से बीई और बीटेक कोर्स में अगर आप नामांकन लेना चाहते हैं तो जरूरी नहीं है कि 12वीं में आपने गणित और भौतिकी विषय ले रखी हो। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में मैथ्स और फिजिक्स विषय को वैकल्पिक बना दिया है। इस फैसले पर हालांकि विवाद भी शुरू हो गया है।

अब तक इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए ये जरूरी था कि आपने 12वीं में गणित और फिजिक्स की पढ़ाई की हो। बहरहाल, विशेषज्ञ AICTE के फैसले पर अब हैरानी जता रहे हैं। कई जानकारों का मानना है कि इससे आने वाले समय में नए इंजीनियर्स के स्तर पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार AICTE ने इंजीनियरिंग के कोर्स में एडमिशन के लिए जो पात्रता का नया मानदंड जारी किया है उसके अनुसार स्टूडेंट को 10+2 पास करना जरूरी है। साथ ही छात्र-छात्राओं को इन विषयों- फिजिक्स, मैथेमैटिक्स, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रोनिक्स, इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, इंफोरमेटिक्स प्रैक्टिसेस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज और इंत्रेप्रेन्योरशिप में से किसी भी तीन विषय के साथ 12वीं पास करना होगा।

एआईसीटीई ने साथ ही कहा है कि उम्मीदवारों को ऊपर दिए गए विषयों को मिलाकर 45 प्रतिशत नंबर लाने होंगे। आरक्षित छात्रों के लिए 40 प्रतिशत नंबर जरूरी होंगे। एआईसीटीई की ओर से जारी हैंडबुक में कहा गया है कि अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाले छात्रों के लिए गणित, फिजिक्स, इंजीनियरिंग ड्रॉइंग जैसे उपयुक्त ब्रिज कोर्स यूनिवर्सिटी मुहैया कराएगी।

इस पूरे फैसले पर कई जानकार सवाल उठा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इंजीनियरिंग के लिए जिस स्तर के गणित की जरूरत होती है, उसके मजबूत आधार के लिए इसको अनिवार्य ही रखा जाना चाहिए।

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