लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी बांग्लादेश और नेपाल तक करने शामिल आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी. इस संबंध में प्रदेश पुलिस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. एसटीएफ़ के अधिकारियों के अनुसार, कफ सीरप की तस्करी के मामले में पकड़े गए अमित सिंह टाटा, शुभम जयसवाल के पिता भोला प्रसाद तथा सहारनपुर से पकड़े गए विभोर राणा तथा विशाल सिंह पर गैंगेस्टर एक्ट लगाने के लिए इनका गैंग चार्ट तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी,ताकि सभी आरोपियों द्वारा अपराध से अर्जित की गई संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें जब्त किया जा सके.
ईडी भी करेगी जांच :
इसके साथ ही एसटीएफ़ ने कफ सीरप सिंडीकेट के 50 से अधिक आरोपियों की तलाश तेज कर दी है. इन 50 से अधिक लोगों के खिलाफ वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र, गाजियाबाद, लखनऊ, सुल्तानपुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर आदि जिलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है. इन आरोपियों की फर्मों के जरिए ही कोडीन युक्त कफ सिरप को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जा रहा था. अब इनकी फार्मों से हुए लेनदेन का ब्योरा जुटाया जा रहा है.
चर्चा है कि प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जल्दी शुरू करेंगे.फिलहाल ईडी की इंवेस्टिगेशन विंग 100 करोड़ रुपए से अधिक का प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सीरप बांग्लादेश और नेपाल तक तस्करी के जरिए भेजने वाले सिंडीकेट के खिलाफ यूपी और अन्य राज्यों में दर्ज हुई एफआईआर जुटा रही हैं.
एसटीएफ़ के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने यूपी, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों में कफ सीरप सिंडीकेट से जुड़े लोगों का ब्यौरा जुटाने के लिए पुलिस से संपर्क साधा है. जिसके चलते एसटीएफ, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा गठित एसआईटी से भी कफ सीरप तस्करी के आरोपियों के खिलाफ जुटाए गए सबूतों की जानकारी मांगी गई है.
जल्दी ही ईडी को कफ सीरप तस्करी का सिंडीकेट चलाने वाले मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल, पकड़े गए अमित सिंह टाटा और भोला प्रसाद, जेल में बंद विभोर राणा तथा विशाल सिंह और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का ब्यौरा भेजा जाएगा.
अब तक 98 दवा फार्मों के एफआईआर दर्ज हुई :
इसके साथ ही एसटीएफ़ ने कफ सीरप सिंडीकेट से जुड़े आसिफ, वसीम, सौरभ त्यागी समेत 50 से ज्यादा फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है. इन लोगों के खिलाफ वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र, गाजियाबाद, लखनऊ, भदोही, चंदौली, सुल्तानपुर, गाजीपुर आदि जिलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है.अब इनकी फर्मों के जरिए हुए लेन-देन का ब्योरा जुटाया जाएगा.
इसी क्रम में एसटीएफ़ के अधिकारी जौनपुर से बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और भाजपा के विधायक सुशील सिंह से अमित सिंह टाटा की नज़दीकियों के सबूत जुटा रहे हैं. यह दोनों नेता शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा को संरक्षण दे रहे थे. अब यह पता लगाया जा रहा है कि क्या इन नेताओं की कंपनियों के जरिये कोई लेनदेन शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा ने किया था या नहीं. एसटीएफ़ की प्रयागराज यूनिट इसका पता लगाने में जुटी है.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बीते दो दिनों में छह जिलों में 11 दवा फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें जौनपुर की चार फर्में वान्या इंटरप्राइजेज, आकाश मेडिकल स्टोर, मनीष मेडिकल स्टोर और शिवम मेडिकल स्टोर शामिल हैं. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अब तक नौ जिलों में 98 दवा फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.