लखनऊ: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में मौत का आकड़ा दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रहा है। लोगों की जान बचाने के लिए जरूरी ऑक्सीजन और दवाईयों की तो कालाबाजारी चल ही रही थी लेकिन अब शवों पर इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़ो को भी चुराकर बाजार में बेच जाने का मामला सामने आया है।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की पुलिस ने श्मशान और कब्रिस्तान से कपड़े और अन्य सामान चुराकर बाजार में बेचने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है ।
पुलिस के अनुसार आरोपी शव को ढकने के लिए इस्तेमाल में आने वाले कपड़े, साड़ी, कफन और अन्य सामानों की चोरी करते थे। आरोपियों की पहचान प्रवीण कुमार जैन , आशीष जैन , श्रवण कुमार शर्मा , ऋषभ जैन , राजू शर्मा , बबलू और शाहरुख के रूप में हुई है ।
पुलिस ने चोरी किए गए सामानों में 520 कफन , 127 कुर्ते , 140 शर्ट, 34 धोती और 52 साड़ियों के साथ ग्वालियर की एक कंपनी का स्टिकर भी बरामद किया है। आरोपी चोरी के सामान की अच्छी तरह से धुलाई और इस्त्री करके उसे बाजारों में बेचते थे। इससे पहले वे चुराए गए कपड़ों पर ब्रांडेड मार्किंग भी चिपका देते थे।
सर्किल अधिकारी आलोक सिंह ने कहा कि ' हमने मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है । पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी मृतकों की बेडशीट , साड़ी , कपड़े चुराते थे । पुलिस को बरामद वस्तुओं में 520 बेडशीट , 127 कुर्ते , 52 सफेद साड़ियां और अन्य सामान मिले हैं । ' पुलिस ने कहा कि इस रैकेट में स्थानीय व्यापारी भी शामिल है।
सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सात लोगों में से तीन एक ही परिवार के हैं। ये आरोपी पिछले 10 साल से कपड़े चोरी कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान गिरफ्तार किया गया है। इसलिए उन्हें महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।