लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सीरप के मामले में जारी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच अब नेताओं तक पहुंचने लगी है. एसटीएफ़ के हाथों यूपी से नेपाल और बांग्लादेश तक प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सीरप की तस्करी में लिप्त सिंडीकेट में दवा कारोबारियों के बड़े नेताओं से भी नजदीकी रिश्ते होने के सबूत हाथ लगें हैं. सिंडीकेट के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के साथी अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद उससे हुई पूछताछ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम सामने आया.
धनंजय सिंह के साथ अमित सिंह टाटा की कई फोटो एसटीएफ़ को मिली है. यही नहीं अमित के घर से एसटीएफ़ ने जो फॉर्च्यूनर बरामद हुई है, उसका नंबर यूपी 65 एफएन 9777 है. इस नंबर की गाड़ियों की फ्लीट का इस्तेमाल धनंजय सिंह द्वारा किया जाता है. इसके बाद एसटीएफ़ इस इस मामले में धनंजय सिंह की भूमिका की जांच शुरू की है. वही दूसरी तरफ धनंजय सिंह ने एसटीएफ़ की पूछताछ से अपने को बचाने के लिए सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करते हुए मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. कुल मिलाकर यह मामला अब धनंजय सिंह के लिए भी संकट का सबब बनता दिख रहा है.
एसटीएफ़ पूर्व सांसद से करेंगी पूछताछ :
फिलहाल तो एसटीएफ लखनऊ से गिरफ्तार अमित सिंह उर्फ अमित टाटा और सहारनपुर से पकड़े गए विभोर राणा तथा विशाल सिंह को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. इन तीनों को आमने-सामने बैठाकर एसटीएफ़ पूछताछ करेगी, ताकि इस नेटवर्क से जुड़े बड़ों तक पहुंचा जा सके. इसके साथ ही इस मामले के मास्टरमाइंड वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. शुभम के दुबई भाग जाने की सूचना है. अमित टाटा और शुभम जायसवाल कई बार एक साथ दुबई जा चुके हैं. गाजियाबाद पुलिस ने शुभम जायसवाल के विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किया है.
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, अमित टाटा पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह का भी करीबी है. धनंजय की मदद से ही अमित टाटा अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटा था. वह जौनपुर के रामपुर ब्लाक से प्रमुख का चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था. एसटीएफ़ को धनंजय सिंह भी अमित टाटा के साथ के तमाम फोटो हाथ लगे, जिनसे दोनों की नजदीकी के बारे में पता चलता है.ये जानकारी भी एसटीएफ़ के जांच दल को हुई है कि धनंजय सिंह भी अमित टाटा को अपना करीबी बता कर उसकी मदद करते थे. इसी के बाद एसटीएफ़ ने धनंजय सिंह से इस मामले में पूछताछ करनी की सोची है.
पूर्व सांसद ने की सीबीआई जांच की मांग :
इसके पहले की एसटीएफ़ पूर्व सांसद धनंजय सिंह से अमित टाटा के बारे में पूछताछ करती, धनंजय सिंह ने एसटीएफ़ की पूछताछ से अपने को बचाने के लिए सोशल मीडिया एक्स पर यह लिखा कि मुझे पता चला है कि कफ सिरप मामले में कुछ राजनैतिक विरोधियों ने पत्रकारों को गुमराह किया. मेरे बारे में भ्रामक बातें फैलाने का काम किया. मैं बताना चाहता हूं कि यह मामला वाराणसी से जुड़ा है. इस कारण कांग्रेस और अन्य दलों के नेता झूठे आरोप लगाकर प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.
सरकार विभिन्न एजेंसियों से गहनता से इस मामले की जांच कराए. ताकि सत्यता सामने आ सके. अंतरराज्यीय मामला होने के कारण प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि सीबीआई से इसकी जांच कराएं. ताकि, दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई हो सके.गलत आरोपों और झूठी खबरों पर विराम लग सके. अब देखना यह है कि एसटीएफ़ को अमित टाटा के साथ मिली धनंजय सिंह की तमाम फोटो के आधार उनसे पूछताछ की जाती है या नहीं.
एसटीएफ़ के अफसरों का कहना है कि वह पूर्व सांसद के साथ अमित टाटा और शुभम जायसवाल के बारे में तमाम पुख्ता सबूत जुटाकर की धनंजय सिंह पूछताछ करेंगे ताकि प्रतिबंधित कफ सीरप सिडीकेंट से जुड़े अन्य लोगों पहुंचा जा सके. एसटीएफ़ के अनुसार, प्रतिबंधित कफ सीरप सिडीकेंट का तंत्र कई राज्यों तक फैला है और 100 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का प्रतिबंधित कफ सीरप इस सिडीकेंट के जरिए देश के कई राज्यों सहित नेपाल और बांग्लादेश तक भेजा गया है.