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बिहार में 16 साल के लड़के को एक अदालत ने सुनाया आदेश, नाबालिग लिव इन पार्टनर का रखें ध्यान

By अनुराग आनंद | Updated: March 24, 2021 10:18 IST

अदालत ने हिलसा बाल कल्याण पुलिस अधिकारी को अगले दो साल तक हर छह महीने में नाबालिग लड़की और उसके शिशु के बारे में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

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ठळक मुद्देअपने से 18 माह बड़ी लेकिन नाबालिग लड़की के साथ आरोपी लड़का फरार हो गया था।दोनों लिव इन पार्टनर की तरह रहने लगे और इस समय नाबालिग दंपति का एक 8 माह का बच्चा भी है।

बिहारशरीफ: नालंदा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के मुख्य न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्रा ने एक 16 वर्षीय लड़के द्वारा नाबालिग लड़की के साथ भागकर लिव इन पार्टनर की तरह रहने के मामले में हैरान करने वाला फैसला सुनाया है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में 16-वर्षीय बच्चे को अपहरण के आरोपों से बरी कर दिया है।

टाइम्स नाऊ के मुताबिक, अपने से 18 माह बड़ी लेकिन नाबालिग लड़की के साथ आरोपी फरार हो गया था। बाद में दोनों लिव इन पार्टनर के तौर पर रहने लगे। इस समय दोनों नाबालिग का एक 8 माह का बच्चा भी है। इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।

अदालत ने कहा कि नाबालिग लड़के का कृत्य कानून की नजर में दंडनीय है-

रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा कि नाबालिग लड़के का कृत्य कानून की नजर में दंडनीय है, लेकिन यह मामला तीन नाबालिगों के जीवन से जुड़ा है इसलिए आरोपी लड़के को बरी करना ही उचित है। साथ ही अपने फैसले में कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि यह आदेश एक अपवाद है। इस केस के फैसले को आधार बनाकर इसका उपयोग किसी के द्वारा लाभ उठाने के लिए नहीं किया जा सकता है।

अदालत ने आरोपी के माता-पिता को नाबालिग लड़की को अपनी बहू मानने का निर्देश दिया है-

अदालत ने आरोपी के माता-पिता को नाबालिग लड़की को अपनी बहू की तरह और शिशु को अपनी पोती के रूप में मानने का भी निर्देश दिया है। यही नहीं परिवार को साफ शब्दों में कोर्ट द्वारा चेतावनी देते हुए कहा गया है कि उनकी सभी जरूरतों को पूरा किया जाना चाहिए। इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई 19 मार्च को शुरू हुआ और 22 मार्च को इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया। 

अतिरिक्त सरकारी वकील राजेश पाठक ने इस मामले में ये कहा-

अतिरिक्त सरकारी वकील राजेश पाठक ने कहा कि यह पहली बार है जब इस तरह के मामले में सिर्फ तीन दिनों में सुनवाई खत्म हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि 11 फरवरी, 2019 को हिलसा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 19 जुलाई, 2020 को नाबालिग लड़की ने कहा था कि वह अपनी मर्जी से दिल्ली आरोपी किशोर के साथ भाग गई थी। पीड़िता ने यह भी कहा था कि दिल्ली में वे एक दंपति के रूप में रहते थे और अब उनकी एक बेटी भी है।

टॅग्स :बिहारनालंदाकोर्ट
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