उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट केस: सुप्रीम कोर्ट ने CBI को जांच के लिए 15 दिनों का दिया अतिरिक्त समय
By पल्लवी कुमारी | Updated: September 25, 2019 11:57 IST2019-09-25T11:57:50+5:302019-09-25T11:57:50+5:30
उन्नाव में बीजेपी के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने जून 2017 में उससे कथित तौर पर बलात्कार किया था जब वह नाबालिग थी।

उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट केस: सुप्रीम कोर्ट ने CBI को जांच के लिए 15 दिनों का दिया अतिरिक्त समय
उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट केस की जांच के लिये सुप्रीम कोर्ट ने जांच को पूरी करने के लिए सीबीआई को 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनावई के दौरान सीबीआई को निर्देश दिया गया है कि रेप पीड़िता, वकील और परिवार पर हमले के मामले की जांच पूरी 15 दिनों में पूरी की जाए। 28 जुलाई 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता की कार का रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था। सीबीआई ने इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मुख्य आरोपी बनाया है। हादसे में पीड़िता के एक रिश्तेदार महिला की मौत हो गई थी। जो उन्नाव मामले की गवाह थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता को लखनऊ के अस्पताल से एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली लाया गया था।
Supreme Court grants 15 more days to the Central Bureau of Investigation (CBI) to complete investigation in the accident case which involved the Unnao rape survivor, her family members and lawyer. pic.twitter.com/Afc83ILADW
— ANI (@ANI) September 25, 2019
कोर्ट में सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि पीड़िता और उसके वकील का बयान सही तरीके से दर्ज नहीं हो पाया है क्योंकि दोनों की हालात अभी बेहतर नहीं हुई है। कोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के वकील का अभी तक को बयान ही नहीं लिया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव पीड़िता का बयान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर में जाकर दर्ज करने की मंजूरी दी थी।
Solicitor General Tushar Mehta, appearing for the CBI, seeks more time from a Bench comprising Justice Deepak Gupta and Justice Aniruddha Bose saying the lawyer of the survivor is still unconscious and his statement is yet to be recorded. https://t.co/BcAdhrQ8tOpic.twitter.com/wR1KSzjQJu
— ANI (@ANI) September 25, 2019
जानें क्या है उन्नाव रेप का मामला
जून 2017 को पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था। मामले में पहले तो यूपी पुलिस ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर लिखने से मना कर दिया था। लेकिन अप्रैल 2018 को पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। इसी बीच अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। जिसका आरोप भी विधायक पर लगा। मामले को बाद में सीबीआई को सौंपा गया।
सीबीआई ने जुलाई 2018 में पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर को मुख्य आरोपी बनाया गया। जिसके बाद आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में आरोप विधायक को जमानत दे दी गई। इस केस में अभी अंतिम फैसला नहीं आया है।