2019 Hyderabad Encounter Case: 2019 में हुए हैदराबाद एनकाउंटर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आयोग ने फर्जी माना है। आयोग का कहना है कि इस एनकाउंटर में कुछ पुलिसवाले भी दोषी पाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर इस पर आगे की कार्रवाई के लिए मामले को तेलंगाना हाई कोर्ट में भेजा है। गौरतलब है कि 2019 में हुए चर्चित हैदराबाद एनकाउंटर में पुलिस द्वारा रेप के तीन आरोपियों की संदिग्ध एनकाउंटर हुई थी जिसके बाद इस एनकाउंटर की जांच के लिए एक आयोग का गठन हुआ था। इसी आयोग के रिपोर्ट के हवाले से यह खबर सामने आई है।
कोरोना के चलते देरी हुई जांच में
आपको बता दे कि जस्टिस सिरपुरकर आयोग को कहा गया था मामले की जांच कर रिपोर्ट को छह महीने तक सौंपी जाए। लेकिन कोरोना के चलते यह काम तय समय यानी अगस्त 2020 में पूरा नहीं हो पाया था। इसलिए आयोग ने अपनी रिपोर्ट इसी साल जनवरी में सौंपी है जिस को सुप्रीम कोर्ट ने अब सार्वजनिक कर इस पर आगे की कार्रवाई के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट को भेजा है।
क्या कहा चीफ जस्टिस ने
मामले में चीफ जस्टिस ने कहा, "इसमें गोपनीयता की कोई बात नहीं। हमारे आदेश पर जांच हुई और कुछ लोगों को दोषी पाया गया। राज्य सरकार रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करे। हम अब मामले की निगरानी नहीं करना चाहते। सभी पक्ष रिपोर्ट को पढ़ें और आगे की राहत के लिए हाई कोर्ट में अपनी बात रखें।"
क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि 26 नवंबर 2019 की रात हैदराबाद में 27 साल की एक वेटनरी डॉक्टर की बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 6 दिसंबर के तड़के करीब 3 बजे पुलिस ने चारों आरोपियों का संदिग्ध एनकाउंटर किया था जिसमें पुलिस की बहुत तारीफ हुई थी। बाद में इस संदिग्ध एनकाउंटर पर सवाल भी उठाए गए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व जज जस्टिस वी एस सिरपुरकर की अध्यक्षता में एक जांच आयोग को बनाया था जो इस इस संदिग्ध एनकाउंटर की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे। यही रिपोर्ट पेश हुई है जिस पर आगे अब कार्रवाई भी होगी।