Sharda University Suicide: ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के एक और छात्र ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। मृतक बीटेक का छात्र था जिसने सुसाइड नोट के जरिए मौत की वजह लिखी। पुलिस का कहना है कि 24 वर्षीय एक युवक ने शुक्रवार रात नॉलेज पार्क स्थित एक निजी छात्रावास में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
मूल रूप से बिहार के पूर्णिया का रहने वाला यह युवक विश्वविद्यालय परिसर से लगभग दो किलोमीटर दूर एक निजी छात्रावास के अपने कमरे में फंदे से लटका मिला। पुलिस ने बताया कि एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें पीड़ित ने "गंभीर मानसिक तनाव" में होने का ज़िक्र किया है और विश्वविद्यालय प्रशासन से उसकी बची हुई फ़ीस वापस करने का अनुरोध किया है क्योंकि उसने दूसरे वर्ष के बाद कॉलेज जाना बंद कर दिया था।
नॉलेज पार्क के थाना प्रभारी सर्वेश सिंह ने कहा, "पीड़ित ने साफ़ तौर पर लिखा है कि उसके फ़ैसले के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं है। वह मानसिक तनाव में था और उसके पास कई लंबित काम थे, जिससे वह निराश हो गया होगा। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और शव परिवार को सौंप दिया जाएगा।" पुलिस ने पुष्टि की है कि नोट के आधार पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
परिवार ने विश्वविद्यालय पर लगाया आरोप
पीड़ित के पिता ने विश्वविद्यालय और छात्रावास प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "अगर मेरा बेटा कक्षाओं में नहीं आ रहा था, तो कॉलेज को हमें सूचित करना चाहिए था। उसने हमसे एक दिन पहले बात की थी और उसमें तनाव के कोई लक्षण नहीं दिखे।" मृतक के रिश्तेदारों ने बताया कि वह 2 जून को ग्रेटर नोएडा लौटने से पहले मई में बिहार गया था। उसके परिवार में उसके माता-पिता और एक छोटी बहन हैं।
विश्वविद्यालय ने नामांकन से किया इनकार
हालांकि, शारदा विश्वविद्यालय ने इस बात से इनकार किया है कि पीड़ित वर्तमान में छात्र था। शारदा विश्वविद्यालय के निदेशक (जनसंपर्क) डॉ. अजीत कुमार ने कहा, "वह पिछले दो वर्षों से विश्वविद्यालय में नामांकित नहीं था। द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण न कर पाने के बाद, उसे एक वर्ष का प्रवेश मिला, लेकिन वह पुनः प्रवेश के लिए नहीं आया। हमने उसे एक ईमेल भी भेजा था, जिसमें या तो पुनः प्रवेश लेने या औपचारिक रूप से नाम वापस लेने के लिए कहा गया था। न तो छात्र और न ही उसके परिवार ने कभी कोई जवाब दिया और न ही विश्वविद्यालय से संपर्क किया। चूँकि वह अब पंजीकृत छात्र नहीं था, इसलिए हमसे शुल्क लेने का सवाल ही नहीं उठता।"
इस घटना ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और परिवारों व संस्थानों के बीच संवादहीनता को लेकर चिंताओं को फिर से जन्म दे दिया है। डेढ़ महीने के भीतर शारदा विश्वविद्यालय से जुड़ी यह दूसरी संदिग्ध आत्महत्या है। जुलाई में, विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) के एक छात्र ने कथित तौर पर संकाय सदस्यों द्वारा अपमानित किये जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।