देवास: मध्यप्रदेश के देवास में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में करोड़ों रुपये की अनियमितताओं के मामले में जिला प्रशासन के प्रतिवेदन के आधार पर कोतवाली पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सीएमएचओ कार्यालय में हुए भ्रष्टाचार के मामले में 74 से अधिक व्यक्ति जांच के घेरे में है।
दरअसल पिछले दिनों भ्रष्टाचार के मामले में संभागीय कार्यालय कोष उज्जैन द्वारा जांच रिपोर्ट कलेक्टर ऋषव गुप्ता को सौंपी गई थी। पिछले डेढ़ सप्ताह से इस विषय को लेकर कलेक्टर द्वारा बारिकी से जांच की जा रही है। किन-किन लोगों के खातों में राशि डाली गई है। विभिन्न बिंदुओं पर जांच जारी है। इस मामले में कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में अनियमित भुगतान का मामला आया था। जिसमें सवा चार करोड़ रुपए के लगभग अनियमित भुगतान जांच में पाया गया है। उसमें 74 के आसपास इन लीगल ट्रांजेक्शन हुए है। जिसमें कर्मचारियों के एरियर तथा पेंशन की राशि अन्य खातों में डाली गई । जिनकी अभी जांच चल रही है। अभी हमारा लक्ष्य है कि इसमें अधिक से अधिक वसूली हो सके। लगभग एक करोड़ 32 लाख रुपए के आसपास वसूली इसमें हो चुकी है। अनियमित भुगतान का मामला 4.26 करोड़ रुपये का है। ये अनियमितताएं 2018-2019 से 2022-2023 के बीच की हैं।
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक शर्मा के प्रतिवेदन पर देर रात पुलिस ने यह कार्रवाई की। आरोपियों में दो पूर्व सीएमएचओ, एक टीकाकरण अधिकारी, तीन बाबू और तीन अस्पताल कर्मचारी शामिल हैं। मार्च में सामने आए इस मामले की जांच के दौरान, संयुक्त संचालक कोषालय उज्जैन ने सीएमएचओ कार्यालय को सील कर दिया था। करीब ढाई महीने की जांच के बाद, उन्होंने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद कलेक्टर गुप्ता ने पिछले सप्ताह से रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन करवाया और जांच पूरी होने पर मंगलवार रात एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया।
इस मामले में देवास सीएसपी दिशेष अग्रवाल ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट के प्रतिवेदन के आधार पर, कोतवाली पुलिस ने पूर्व सीएमएचओ एमपी शर्मा, विष्णुलता उइके, टीकाकरण अधिकारी डॉ. कैलाश कल्याणे, ऑपरेटर प्रकाश साठे, रवि वर्मा, अश्विन सूर्यवंशी और जिनके खातों में पैसे जमा हुए उन कर्मचारियों अंकित घाडगे, योगेश कहार, पंकजसिंह गुर्जर के खिलाफ भादवी की धारा 420, 467, 468, 409 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है। जांच उपरांत आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी । प्रारंभिक जांच में कुल 74 लोग दोषी पाए गए हैं, जिनमें से 9 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब बाकी 65 लोगों की जांच की जाएगी और आवश्यकता होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।