निर्भया के दोषियों को कैसे मिलेगी फांसी? तिहाड़ के पास जल्लाद ही नहीं

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 3, 2019 10:40 AM2019-12-03T10:40:50+5:302019-12-03T10:43:13+5:30

6 आरोपियों में से एक आरोपी राम सिंह ने तो पहले ही जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और एक नाबालिग होने के नाते मौत की सजा से बच गया था। बाकी बचे चार आरोपियों में से एक आरोपी विनय कुमार ने दया याचिका दायर की थी, जिसे खारिज करने की सिफारिश दिल्ली सरकार ने की है। 

Nirbhaya Rape & Murder Case: How will the convicts be punished? Tihar Jail has no executioner hangman | निर्भया के दोषियों को कैसे मिलेगी फांसी? तिहाड़ के पास जल्लाद ही नहीं

तिहाड़ जेल। (फाइल फोटो)

Highlightsतिहाड़ जेल प्रबंधन अन्य जेलों से संपर्क कर जल्लाद का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। जेल प्रबंधन उस गांव में जल्लाद की तलाश कर रहा है जहां से पिछला जल्लाद था।

हैदराबाद की महिला पशु-चिकित्सक की रेप और हत्या के मामले ने जहां देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर समाज के हर वर्ग का ध्यान खींचा है और उनमें उबाल पैदा किया है, इसी बीच 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले ने फिर से जोर पकड़ा है। इसकी दो वजहें हैं। दरअसल, हैदराबाद के इस मामले की भयावहता ने निर्भया मामले के जख्म तो हरे कर ही दिए हैं, वहीं सजा पाए आरोपियों सात साल में भी फांसी पर नहीं लटकाया जा सका है। 

हालांकि, जब देश महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के अपराध को बर्दाश्त करने की सूरत में नहीं दिखाई दे रहा है तब निर्भया मामले के दोषियों को फांसी देने की कार्रवाई होते दिखने लगी है। 

6 आरोपियों में से एक आरोपी राम सिंह ने तो पहले ही जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और एक नाबालिग होने के नाते मौत की सजा से बच गया था। बाकी बचे चार आरोपियों में से एक आरोपी विनय कुमार ने दया याचिका दायर की थी, जिसे खारिज करने की सिफारिश दिल्ली सरकार ने की है। 

इस दौरान सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर दोषियों को फांसी पर कैसे चढ़ाया जाएगा जब तिहाड़ जेल के पास जल्लाद ही नहीं है?

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक खबर में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि निर्भया के दोषियों के लिए फांसी करीब है लेकिन तिहाड़ जेल के पास जल्लाद नहीं है। 

खबर में कहा गया है कि तिहाड़ जेल प्रबंधन अन्य जेलों से संपर्क कर जल्लाद का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। जेल प्रबंधन उस गांव में जल्लाद की तलाश कर रहा है जहां से पिछला जल्लाद था। 

हालांकि, तिहाड़ जेल स्थायी तौर पर जल्लाद का पद नहीं भर रहा है। एक अधिकारी ने टीओआई को बताया कि बहुत संभावना है कि तिहाड़ इस बार भी जल्लाद की नियुक्ति नहीं करेगा और किसी को वन-टाइम कॉन्ट्रैक्ट पर रखेगा। अधिकारी ने कहा, ''हमारे सिस्टम में अक्सर फांसी नहीं होती है क्योंकि दुर्लभ मामलों में मौत की सजा दी जाती है। इसलिए एक पूर्णकालिक जल्लाद रखना व्यावहार्य नहीं है। इसके अलावा, इस नौकरी के लिए पूर्णकालिक कर्मचारी खोजना मुश्किल है।''

बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल से दया याचिका खारिज कराने की सिफारिश के बाद अब यह गृहमंत्रालय भेजी जाएगी, वहां से इसे राष्ट्रपति के पास ले जाया जाएदा। राष्ट्रति का फैसला तिहाड़ जेल को बताया जाएगा। दया याचिका खारिज होने की सूरत में जेल प्रशासन इसे अदालत ले जाएगा। अदालत ब्लैक वारंट जारी करेगी। इसके बाद जेल अधिकारी दोषियों और उनके परिवारवालों को उनकी फांसी के बारे में सूचना देंगे। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि 3 दोषियों को और समय दिया जाना चाहिए या नहीं। माना जा रहा है कि महीनेभर में दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। 

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के समय भी तिहाड़ के पास जल्लाद नहीं था तब एक अधिकारी ने फांसी वाला लीवर खींचा था।

बता दें कि निर्भया मामले में मुकेश, पवन, अक्षय नाम के दोषियों ने दया याचिका दायर नहीं की थी। 

Web Title: Nirbhaya Rape & Murder Case: How will the convicts be punished? Tihar Jail has no executioner hangman

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