लाइव न्यूज़ :

Nirbhaya Case: दिल्ली HC ने फांसी की सजा पर रोक के खिलाफ केंद्र की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा

By स्वाति सिंह | Updated: February 2, 2020 18:50 IST

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल पर विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं।

Open in App
ठळक मुद्देदिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया मामले में केंद्र की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। कानून का दुरुपयोग कर फांसी से बच रहे निर्भया के दोषी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को केंद्र की उस अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें उसने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों की फांसी की सजा की तामील पर रोक को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि अदालत सभी पक्षों द्वारा अपनी दलीलें पूरी किए जाने के बाद आदेश पारित करेगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल पर विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं। मेहता ने न्यायमूर्ति सुरेश कैत से कहा कि दोषी पवन गुप्ता का सुधारात्मक या दया याचिका दायर नहीं करने का कदम सुनियोजित है। 

मेहता ने कहा कि निर्भया मामले के दोषी न्यायिक मशीनरी से खेल रहे हैं और देश के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से कहा, ‘‘कानून के तहत मिली सजा के अमल पर विलंब करने की एक सुनियोजित चाल है।’’

 अधिवक्ता ए पी सिंह दोषियों अक्षय सिंह (31), विनय शर्मा (26) और पवन (25)की ओर से दलीलें रख रहे हैं। वह मामले के दोषियों की फांसी की सजा की तामील पर रोक को दरकिनार करने के अनुरोध वाली केंद्र की अर्जी के खिलाफ दलीलें रख रहे हैं। उच्च न्यायालय केंद्र की उस अर्जी पर सुनवायी कर रहा है जिसमें मामले के चार दोषियों की फांसी की तामील पर रोक को चुनौती दी गई है। 

23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसम्बर 2012 को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह व्यक्तियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गई थी। उसे बाद में बस से नीचे फेंक दिया गया। बाद में छात्रा को निर्भया नाम दिया गया था। निर्भया ने 29 दिसम्बर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। 

मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में एक किशोर भी शामिल था जिसे एक किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था और उसे तीन वर्ष बाद सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने 2017 के अपने फैसले में दोषियों को दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा बरकरार रखी थी। 

टॅग्स :निर्भया गैंगरेपदिल्ली हाईकोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar Release Row: दिल्ली हाईकोर्ट ने CBFC से सर्टिफिकेशन से पहले शहीद मेजर मोहित शर्मा के परिवार की चिंताओं पर विचार करने को कहा

भारतपति क्रूरता साबित करने में नाकाम और दहेज उत्पीड़न आरोपों को ठीक से खारिज नहीं कर पाया, दिल्ली उच्च न्यायालय का अहम फैसला

बॉलीवुड चुस्कीसंजय कपूर संपत्तिः 30,000 करोड़ रुपये?, सारी संपत्ति पत्नी को देना ‘स्वस्थ परंपरा’, पत्नी प्रिया कपूर ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, करिश्मा कपूर के बच्चों ने पेंच फंसाया?

क्राइम अलर्टरिश्वत का पैसा शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाया तो अपराध से अर्जित आय माना जाएगा, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-धन शोधन अपराध

भारतसहकर्मी की पत्नी से ‘अवैध संबंध’, मोबाइल, सोने का लॉकेट और ड्रेस उपहार में क्यों दी?, पति की अनुपस्थिति में घर जाना, बीएसएफ अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार

क्राइम अलर्ट अधिक खबरें

क्राइम अलर्टThane News: शौहर के तलाक न देने पर बेगम ने रची साजिश, भाई संग मिलकर किया कत्ल; गिरफ्तार

क्राइम अलर्टGhaziabad: मोदीनगर में नकाबपोश व्यक्ति ने 80 साल के ज्वेलरी शॉप के मालिक की चाकू मारकर हत्या की, फिर हमलावर से भिड़ा शख्स, देखें डिस्टर्बिंग वीडियो

क्राइम अलर्टUttar Pradesh: अमरोहा में दर्दनाक सड़क हादसा, खड़े ट्रक से टकराई कार, 4 युवकों की मौत

क्राइम अलर्टNoida News: सौतेले पिता ने 2 बच्चों को नाले में फेंका, राहगीरों ने समय रहते बचाया

क्राइम अलर्टमां नहीं हैवान! बेटे समेत 4 बच्चों को बेरहमी से मारा, साइको लेडी किलर ने बताई करतूत; गिरफ्तार