चेन्नई: IIT मद्रास में कथित तौर पर दलित रिसर्च स्कॉलर के साथ एक साल पहले कैंपस में हुए रेप के मामले में चेन्नई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को पश्चिम बंगाल जाकर गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किये गये मुख्य आरोपी किंग्शुक देबशर्मा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक विशेष टीम चेन्नई से रवाना हुई थी और उसने रविवार 27 मार्च को IIT मद्रास यौन उत्पीड़न मामले में किंग्शुक को गिरफ्तरी कर लिया।
जानकारी के मुताबिक 30 साल की दलित स्कॉलर ने मुख्य आरोपी किंग्शुक देबशर्मा और अन्य सात आरोपियों के खिलाफ एक साल पहले रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता के मुताबिक मुख्य आरोपी किंग्शुक देबशर्मा ने सात अन्य के साथ मिलकर IIT मद्रास के कैंपस में साल 2016 और 2020 के बीच उसका यौन उत्पीड़न किया था।
जानकारी के मुताबिक बंगाल से गिरफ्तार हुआ किंग्शुक उस समय कोलकाता के डायमंड हार्बर पुलिस स्टेशन में हिरासत में है। पुलिस ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक ट्रांजिट वारंट प्राप्त करने के लिए उसे सोमवार को स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना है और बाद में उसे चेन्नई वापस लाया जाएगा।
मालूम हो कि IIT मद्रास की 30 साल की दलित स्कॉलर ने अपनी शिकायत में कहा था कि किंग्शुक सहित आठ लोगों द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। उसने मार्च 2020 में मायलापुर ऑल वूमेन पुलिस स्टेशन में अपने साथ हुए साल 2016 और साल 2020 के बीच मारपीट और उत्पीड़न की घटनाओं का जिक्र करते हुए आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
हालांकि मामले में आरोपी के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में रेप और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं को नहीं जोड़ा गया था। पुलिस शिकायत से पहले पीड़िता ने साल 2020 में IIT मद्रास की यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत समिति (CCASH) में भी शिकायत दर्ज कराई थी।
CCASH की अंतरिम रिपोर्ट में मुख्य आरोपी किंग्शुक देबशर्मा सहित तीन अन्य को IIT मद्रास के कैंपस पीड़िता को परेशान करने का दोषी पाया गया था। समिति ने जांच में यह भी पाया था कि आरोपी किंग्शुक ने पीड़िता को गाली दी थी और दो बार उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया था। वहीं तीन अन्य लोगों को किंग्शुक की मदद करने का भी दोषी पाया गया था। इसके बावजूद आरोपियों पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
समिति ने अपने आदेश में कहा था कि जब तक पीड़िता अपनी थीसिस IIT मद्रास में जमा नहीं करती तब तक किसी भी आरोपी छात्र को कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। समिति ने रिसर्च करा रहे गाइडों को आदेश दिया कि पीड़िता की थीसिस जमा न होंने तक आरोपी छात्रों की थीसिस न जमा कराएं।
इस बीच इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए IIT मद्रास ने कहा है कि संस्थान ने छात्रा की शिकायत पर जांच के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है, जिसने छात्रा ने यौन उत्पीड़न का मामला उठाया था। इसके साथ ही IIT मद्रास ने यह भी कहा कि संस्थान पुलिस जांच अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है और संस्थान ने बाहरी जांच के दौरान उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की है।