पारा शिक्षक हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का को आजीवन कारावास

By एस पी सिन्हा | Published: July 3, 2018 03:54 PM2018-07-03T15:54:38+5:302018-07-03T15:54:38+5:30

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बीते शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने विधायक व उनके एक सहयोगी धनेश बडाईक को इस मामले में दोषी करार दिया गया था।

Life imprisonment for ex-minister enos-ekka in mercury murder case | पारा शिक्षक हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का को आजीवन कारावास

पारा शिक्षक हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का को आजीवन कारावास

रांची, 03 जुलाई: झारखंड के सिमडेगा में बहुचर्चित पारा शिक्षक हत्याकांड में पूर्व मंत्री और विधायक एनोस एक्का को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बीते शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने विधायक व उनके एक सहयोगी धनेश बडाईक को इस मामले में दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने कोलेबिरा विधायक एनोस एक्का को धारा 302, 120 बी, 201 और 171 एफ के तहत दोषी माना। अगर एनोस को दो साल से अधिक की सजा हुई तो उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाएगी। पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या नवंबर 2014 में हुई थी। 

हत्या के आरोप में गिरफ्तार एनोस एक्का उस वक्त से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं। पारा शिक्षक मनोज कुमार को कुछ अपराधियों ने अगवा कर लिया था और अगली सुबह कोलेबिरा के जंगल से उनका शव बरामद हुआ था। यहां उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2014 को सिमडेगा जिले के जताडांड प्राथमिक विद्यालय से पारा टीचर मनोज कुमार का अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में विधायक एनोस एक्का के खिलाफ प्राथमिकी (58/2014) दर्ज कराई गई थी। दूसरे दिन सुबह मनोज कुमार की लाश मिलने के बाद मामला हत्याकांड में बदल गया। पुलिस ने पहले से पीएलएफआइ उग्रवादी बारूद गोप का मोबाइल फोन सर्विलांस पर रखा था। 

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इस फोन पर हुई बातचीत के आधार पर पुलिस ने जांच के बाद विधायक एनोस एक्का और बारूद गोप के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इसमें यह आरोप लगाया गया था कि विधायक के कहने पर बारूद गोप ने मनोज कुमार की हत्या की। घटना को अंजाम देने से पहले उग्रवादी धनेश्वर बडाइक ने रेकी की थी। 
शिक्षक की हत्या के आरोप में तत्कालीन एसपी राजीव रंजन सिंह ने रात दो बजे एनोस एक्का को ठाकुरटोली स्थित घर से गिरफ्तार किया था। 27 नवंबर 2014 की शाम को एक्का को जेल भेज दिया था। 

इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 30 जून की तिथि तय की थी। हत्या से पहले मनोज कुमार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंप कर सुरक्षा की गुहार लगायी थी। हालांकि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। वह लसिया गांव के रहनेवाले थे। मृत पारा शिक्षक मनोज कुमार के भाई ने कोलेबिरा थाने में एनोस एक्का व पीएलएफआइ के एरिया कमांडर बारूद गोप सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके पहले वे एनोस एक्का की पार्टी के सक्रिय सदस्य थे। 

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विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनोस का साथ छोड दिया था। एक दिन वे अपने सहयोगी पारा शिक्षक संजू नायक के साथ स्कूल में बैठे थे तभी बाइक से दो हथियारबंद अपराधी आये और जबरन मनोज कुमार को उठाकर ले गये। बाद में उनका शव मिला था। कोयला चोरी के आरोप में तीन साल की सजा सुनाये जाने पर 10 फरवरी को गोमिया के झामुमो विधायक योगेंद्र महतो की सदस्यता गई, जबकि सीओ के साथ मारपीट के मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद दो अप्रैल को सिल्ली के झामुमो विधायक अमित कुमार महतो की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

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Web Title: Life imprisonment for ex-minister enos-ekka in mercury murder case

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