गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बेलघाट इलाके में इन दिनों लोग चमगादड़ों की मौत से दहशत में हैं. आज सुबह बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत को लेकर बेलघाट इलाके में सनसनी फैल गई है. चमगादड़ों की मौत को इलाके के लोग कोरोना वायरस संक्रमण से जोड़कर देख रहे हैं.
हालांकि वन विभाग का कहना है कि ज्यादा गर्मी और पानी न मिलने की वजह से चमगादड़ों की मौत हुई होगी. फिलहाल इन चमगादड़ों को पोस्टमार्टम के लिए बरेली स्थित भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) भेज दिया गया है. डिविज़नल फॉरेस्ट ऑफिसर अविनाश कुमार कहते हैं "52 चमगादड़ों के शवों के पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. इनमें से 3 चमगादड़ों के शवों भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान बरेली भेजा गया है. डीएफओ का कहना है कि कीटनाशक भी इन चमगादड़ों की मौत की वजह हो सकती है. इनकी मौतों को कोविड 19 से जोड़ना ठीक नहीं है. हमें पोस्टमार्टम के नतीज़ों का इंतज़ार करना चाहिए".
जिस इलाके में चमगादड़ों की मौत हुई हैं वहीं बेलघाट के रहने वाले पंकज शाही ने बताया कि "मैंने अपने बगीचे में सुबह देखा कि आम के पेड़ के नीचे बड़ी संख्या में चमगादड़ मरे पड़े हैं. मेरे बगीचे से सटा एक और बगीचा है. उस बगीचे में भी बड़ी संख्या में चमगादड़ मरी हुई मिली है.
पंकज शाही का कहना है कि उन्होंने चमगादड़ों की मौत की जानकारी वन विभाग को दी थी. जिसके बाद वन विभाग की टीम आई और चमगादड़ों के पोस्टमार्टम के लिए लेकर गई. खजनी वन प्रभाग के रेंजर देवेंद्र कुमार का कहना है कि लगभग 52 चमगादड़ मरी हुई पाई गयी है. उन सभी चमगादड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. शुरूआती तौर पर तो लगता है कि चमगादड़ों की मौत ज्यादा गर्मी और प्यास के कारण हुई है. इस इलाके के आस पास पानी के स्रोत, जैसे तालाब में भी पानी नहीं है."
एक अखबार के अनुसार मरने वाली चमगादड़ों की संख्या 300 तक बताई जा रही है. अखबार के अनुसार आईवीआरआई (इंडियन नेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के चीफ साइंटिस्ट डॉ साईं कुमार का कहना है कि ये आवश्यक नहीं है कि चमगादड़ों की मौत की वजह गर्मी ही हो. बरेली में भी बड़ी संख्या में चमगादड़ हैं लेकिन चमगादड़ों से वायरस इंसानों में पहुंचने की कोई खबर नहीं हैं.