महाबोधि मंदिर परिसर में बम विस्फोट की साजिशः तीन आतंकी को उम्रकैद, पांच को 10-10 साल की सजा
By एस पी सिन्हा | Updated: December 17, 2021 20:19 IST2021-12-17T20:18:01+5:302021-12-17T20:19:10+5:30
महाबोधि विस्फोट और कालचक्र मैदान के अलावा कई स्थानों पर 19 जनवरी 2018 को आईइडी विस्फोट हुए थे. इस कांड में कुल नौ आरोपी थे, जिसमें से 8 ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था.

उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी, 2018 को बोधगया में निगमापूजा का आयोजन किया गया था.
पटनाः बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में विस्फोट के मामले में एनआईए कोर्ट ने सजा का एलान किया है. इस मामले में आठ दोषी करार दिए गये थे. जिसमें पांच अभियुक्तों को 10 साल की सजा दी गई है, जबकि बाकी तीन अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
जिसमें अहमद अली, पैगम्बर शेख, नूर आलम को उम्र कैद की सजा और आरिफ हुसैन, मुस्तकीम, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्ताफिज को दस साल सजा मिली है. बता दें कि महाबोधि विस्फोट और कालचक्र मैदान के अलावा कई स्थानों पर 19 जनवरी 2018 को आईइडी विस्फोट हुए थे. इस कांड में कुल नौ आरोपी थे, जिसमें से 8 ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था.
इसके बाद पटना की एनआईए कोर्ट ने इसी 10 दिसंबर को इन सभी को आतंकी गतिविधियों, देश विरोधी, विस्फोटक अधिनियम समेत और धाराओं में दोषी करार दिया था. अब पैंगबर शेख, नूर आलम मोमिन और अहमद अली आजीवन जेल में रहेंगे. सभी अभियुक्त बांग्लादेश आतंकी संगठन से जुडे़ थे. आरोपियों ने 2018 में बोधगया में बम प्लांट किया था. बम उस वक्त प्लांट किए गए थे, जब बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा समेत अन्य गणमान्य अतिथि बोधगया में मौजूद थे. इस मामले में एक अभियुक्त जहीदुल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया.
आज सुबह से ही सभी लोगों की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी थी. उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी, 2018 को बोधगया में निगमापूजा का आयोजन किया गया था. इसमें दलाई लामा शामिल के साथ सैंकडों विदेशी पयर्टक समेत राज्य के गणमान्य अतिथि भी पूजा में शिरकत करने वाले थे.
बांग्लादेशी आंतकी संगठन से जुडे़ इन नौ आरोपियों ने कालचक्र मैदान के मुख्य द्वार के सामने जेनरेटर के नीचे थैले में बम रख दिया था. इसके अलावा महाबोधि मंदरि के मेन गेट नंबर चार की सीढ़ी के पास विस्फोटक रखे गए थे. कुछ विस्फोटक सामग्री जहां-तहां छिपाकर रखी गई थी. एक जगह पर हल्की आवाज के साथ धुआं निकलने पर सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया, आतंकियों की साजिश का पता चला.