पटनाः बिहार के पूर्व विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह को अदालत ने जमानत नहीं दी। दानापुर कोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया। अब उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। कल ही विभाग बदल कर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग सौंपा गया था, जिसके बाद उन्होंने देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
बाहुबली नेता एवं पूर्व विधायक अनंत सिंह के करीबी कार्तिकेय वर्ष 2014 के अपहरण के एक मामले में आरोपित हैं। कार्तिकेय कुमार के वकील जनार्दन राय ने खुद इस बात की जानकारी दी थी। बता दें कि 2015 और 2017 में भी उनकी जमानत याचिका रद्द हुई थी। वारंट को लेकर विवाद और अपहरण के मामले में कार्तिकेय सिंह पर दर्ज मामले में आज दानापुर कोर्ट में सुनवाई हुई।
हालांकि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दानापुर कोर्ट नहीं पहुंचे। उनकी अनुपस्थिति में उनके वकील के द्वारा कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया। फैसला साढ़े बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था। शाम में इस मामले में फैसला आया। जिसमें एडीजे अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अब उनपर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा गया है। ऐसे में अब जमानत के लिए कार्तिक सिंह पटना हाई कोर्ट जाएंगे। बताया जाता है कि दानापुर कोर्ट में एडीजे-3 के समक्ष उनके वकील ने करीब एक घंटे तक बहस की थी। अब कार्तिक सिंह को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
इससे पहले 16 अगस्त को ही कार्तिकेय सिंह को कोर्ट में पेश होना था। लेकिन वो बिहार में नई सरकार के गठन के बाद उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इस बीच दानापुर कोर्ट के 12 अगस्त की आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
बता दें कि 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। इसको लेकर आज दानापुर कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। पूर्व विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब कार्तिकेय सिंह को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।