दिल्लीः क्रूज ड्रग्स मामले के एक गवाह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एनसीबी की तीन सदस्यीय टीम कल दिल्ली से मुंबई जाएगी।
एनसीबी सूत्र के हवाले से ANI ने ट्वीट में जानकारी दी कि दिल्ली की एनसीबी टीम में डीडीजी एनसीबी ज्ञानेश्वर सिंह और 2 इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। सूत्र के हवाले से ANI ने ये भी बताया है कि एनसीबी की तीन सदस्यीय टीम प्रभाकर सईल द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच करेगी, जो मुंबई के ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले में गवाह हैं। वहीं इससे पहले बताया गया कि दिल्ली में एक समीक्षा बैठक होगी जिसमें समीर वानखेड़े शामिल होंगे।
गौरतलब है कि एनसीबी के गवाह प्रभाकर सईल, जो भगोड़ जासूस केपी गोसावी के अंगरक्षक के तौर पर काम कर चुके हैं ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े ने उनसे 9 से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। यही नहीं प्रभाकर ने एनसीबी और इसके जोनल प्रमुख समीर वानखेड़े का जिक्र करते हुए कहा कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। बात 18 करोड़ पर बनी जिसमें से 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।
वहीं इस बीच एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि समीर वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद वानखेड़े है। साथ ही पत्रकारों से बात करते हुए नवाब मलिक ने कहा कि समीर वानखेड़े एक फर्जी व्यक्ति है। उन्होंने कहा, 'इसका जन्म प्रमाण पत्र समीर दाऊद वानखेड़े का है। इसने जन्म प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ की और उनके पिताजी ने धर्मांतरण करने के बाद जो नाम बदला था उसे दुरुस्त किया।'