नबरंगपुर: ओडिशा के नबरंगपुर से एक दुखद जानकारी सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक जिले के उमरकोट ब्लॉक के टोहरा गांव में शनिवार की देर शाम में कथित तौर पर दो नाबालिग लड़कियों सहित तीन ने पेड़ से लटक कर जान दे दी।
पुलिस की ओर से साझा की जानकारी के अनुसार तीनों लड़कियों की पहचान 21 साल की हेमलता गौड़ा, 17 साल की कौशल्या मांझी और 16 साल की फूलमती मांझी के तौर पर हुई है। मृत तीनों लड़कियां इसी टोहरा गांव की रहने वाली थीं।
हालांकि, इस मामले में एक चौकाने वाली जानकारी सामने आ रही है कि उमरकोट जगत के तहसीलदार जीबन चौधरी ने मृत लड़कियों में से दो के नाबालिग होने का खंडन करते हुए दावा किया है कि तीनों की उम्र 18 साल से अधिक थी और इसलिए मृत किसी भी लड़की को नाबालिग नहीं कहा जा सकता है।
घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों ने जो जानकारी दी उसके अनुसार शाम करीब चार बजे के आसपास ग्रामीणों ने तीनों लड़कियों को एक साथ जंगल में जाते हुए देखा था। जब देर रात साढ़े नौ बजे तक तीनों लड़कियां घर नहीं लौटीं तो परिवार वालों को चिंता हुआ और उसके बाद सभी लड़कियों की तलाश शुरू हुई।
गांववालों ने मिलकर जंगल के आसपास तलाशी शुरू की और थोड़ी ही देर में उन्हें तीनों लड़कियों के शव पेड़ से लटके हुए मिले। गांव के लोगों ने फौरन इस बात की सूचना पुलिस को दी और थोड़ी ही देर में भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। उसके बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने शव को पेड़ से उतारा और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
मामले की जानकारी जैसे ही नबरंगपुर के पुलिस अधीक्षक स्मित पुरुषोत्तमदास को मिली वो भी घटना स्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनसे लड़कियों की कथित आत्महत्या के मामले में पूछताछ की।
घटना स्थल का दौरा करने के बाद पुलिस अधीक्षक स्मित पुरुषोत्तमदास परमार ने कहा, “हमने मृत लड़कियों के परिजनों की शिकायत के आधार पर उमरकोट पुलिस स्टेशन में आत्महत्या का मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में साफ हुआ है कि इस घटना में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। यहां तक कि तीनों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी तरह की शंका नहीं व्यक्त की गई है। मामले में जांच जारी है।”
वहीं पुलिस अधीक के बयान के बाद मृत एक लड़की के परिजन बिस्वंबर मांझी ने कहा, “हमें कल शाम को लड़कियों के घर से लापता होने की सूचना मिली। हमने उन्हें गांव के कोने-कोने में तलाशा लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। अंत में थकहार कर हमने जंगल में तलाशी ली, जहां चीनों के शव एक पेड़ से लटके हुए मिले।”
घटना से बेहद दुखी मांझी ने कहा, "हालांकि घटना को देखने से आत्महत्या का मामला ही दिखाई दे रहा है लेकिन जब तक पुलिस की फाइनल रिपोर्ट नहीं जाती। हम कुछ भी नहीं कह सकते हैं।"
बताया जा रहा है कि तीनों लड़कियां स्कूल छोड़ चुकी थीं और उनमें से की तो शादी भी हो चुकी थी लेकिन गौना नहीं होने के कारण वो अपने माता-पिता के यहां ही रह रही थी।