बिहार में दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों की सुनवाई अब कोर्ट की बजाय पंचायत में हो रही है. वहीं, पंचायत भी अस्मत की कीमत पांच लाख लगाते हुए मामले को रफादफा करने का फरमान जारी कर देता है. मामला बिहार के सुपौल जिले राघोपुर थाना इलाके का है, जहां एक रसूखदार व्यक्ति ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए पंचायत में मामला निपटाने को कह दिया. जिसके बाद पंचायत ने आरोपी को पांच लाख के जुर्माने के साथ छोड़ दिया.
एक मासूम से दुष्कर्म की कीमत पंचायत द्वारा महज पांच लाख का जुर्माना लगाये जाने का वीडियो वायरल हो रहा है. दरअसल, यहां के रहने वाले गणेश स्वर्णकार ने 11 साल की नाबालिग से दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के बाद पीड़िता जब पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय गांव के कुछ लोगों को बुलाकर मामले को पंचायत में निपटा लेने का फरमान सुना दिया.
गांव में पंचों ने पंचायत लगाई और करीब तीन घंटे तक पंचों ने आरोपी का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं पहुंचा. इसके बाद पंचों ने दरिंदगी की इस घटना के लिए पांच लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया. साथ ही पंचों ने पीड़िता द्वारा आरोपी को 11 चप्पल मारने की सजा सुना कर मामले को रफा-दफा कर दिया. लेकिन पंचायत के इस फैसले को लेकर आरोपी ने दबंगई दिखाई और उसने पंचायत का फैसला मानने से इनकार कर दिया. मामले को बढता देख शनिवार को पुलिस ने मामला दर्ज किया. मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपी की अबतक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. राघोपुर के थानाध्यक्ष नागेंद्र कुमार ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पीड़िता ने बताया कि गणेश स्वर्णकार नामक 60 साल के शख्स ने उसे जलावन देने के बहाने बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के दौरान उसने जोर से आवाज लगाई. इसके बाद आसपास के लोग पहुंचे तो आरोपी भाग वहां से भाग गया. वहीं, नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के दौरान कुछ युवाओं ने पीड़िता का वीडियो भी बना लिया, जिसके बाद रोती-बिलखली नाबालिग अपने घर पहुंच और उसने अपने परिवार के लोगों को सारी कहानी बताई.
मामले की जानकारी मिलने के बाद गांव में इसको लेकर पंचायत लगी और गांव के प्रबुद्ध जन बिन बुलाये मेहमान बनकर पहुंच गये. जिसके बाद लोगों की गुस्साई भीड़ आरोपी के घर पहुंची. आरोपी ने ग्रामीणों के सामने स्वीकार किया कि उससे गलती हुई है. उसे जो सजा मिलेगी उसे वह मंजूर है. चूंकि आरोपी धनवान था तो उसे बचाने के लिए पूरी फौज सामने आ गई और रेप के आरोपी को 5 लाख रुपए का अर्थदंड और शारीरिक जुर्माने के तौर मारने पीटने का फरमान सुनाया.
इस दौरान जब आरोपी ने पंचायत के फैसले को ठुकराते हुए 5 लाख का अर्थदंड नहीं दिया तो इसके बाद पीड़िता अपनी मां के साथ थाना पहुंची. उन्होंने लिखित आवेदन देकर न्याय की मांग की. लेकिन, पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. इसके बाद पंचायत हुई और आरोपी ने पंचायत के फैसले को मानने से इनकार कर दिया. तब जाकर फिर से मामला राघोपुर थाना पहुंचा. पुलिस में की गई शिकायत के बाद से आरोपी फरार है. इस मामले में पुलिस द्वारा घटना के दूसरे दिन केस दर्ज कर लिया गया है.