मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बहुचर्चित गैंग रेप केस के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को उम्रकेद की सजा सुनाई है। न्यायधीश सविता दुबे ने अपना फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को इस कृत्य में दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इसे जघन्य और क्रूर अपराध करार देते हुए कहा कि सभी आरोपियों की प्राकृतिक मौत होने तक यानी आजीवन कारावास सजा रहेगी।
ये है पूरा मामलामध्य प्रदेश राजधानी भोपाल में बीती 31 अक्टूबर को कोचिंग से घर लौट रही 19 वर्षीय यूपीएससी की 1 छात्रा को 4 लोगों ने अगवा कर हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास सुनसान इलाके में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. बदहवास लड़की को आरोपियों ने मरा हुआ समझकर घटना स्थल पर ही छोड़ दिया था लेकिन होश संभालने के बाद लड़की जैसे-तेसे घर पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई। इस मामले में हद तो तब हो गई जब पुलिस मामले को फिल्मी कहानी बताकर टालती रही और घटना के 24 घंटे होने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
जीआरपी पुलिस सबसे बदतमीजअपने साथ हुए कृत्य के बाद पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि इतना संगीन मामला होने के बावजूद भी GRP यानी Government Railway Police असंवेदनशील बनी रही। पीड़िता ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जीआरपी पुलिस सबसे बदतमीज पुलिस है।
जब न्याय के लिए थाने दर थाने भड़कती रही पीड़िताहादसे के बाद पीड़िता ने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा था कि वह हादसे के बाद अपने पिता के साथ इस थाने से उस थाने भटकती रही लेकिन किसी भी पुलिसवाले ने उनकी मदद नहीं की, उल्टा मेरे साथ हुए हादसे पर ही सवाल उठाने लगे।
दरिंदो को सड़क पर फांसी पर लटका देना चाहिएदोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग करते हुए पीड़िता ने कहा था कि ऐसे दरिंदो को जिंदा नहीं छोड़ना चाहिए। दुष्कर्म करने वाले को बीच सड़क पर फांसी पर लटका देना चाहिए।