अंकित के परिवार ने ठुकराए केजरीवाल के 5 लाख का ऑफर, जानिए पिता ने क्या कहा
By पल्लवी कुमारी | Published: February 8, 2018 12:04 PM2018-02-08T12:04:57+5:302018-02-08T12:07:14+5:30
बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंकित सक्सेना परिवार को 5 लाख रुपये दिए जाने का वादा किया, लेकिन परिजन इसे अपर्याप्त बता रहे हैं।
राजधानी दिल्ली के ख्याला इलाके में मुस्लिम लड़की से प्यार के चक्कर 23 वर्षीय फोटोग्राफर अंकित सक्सेना मर्डर केस ने पूरे दिल्ली को हिला कर रख दिया है। अंकित सक्सेना का परिवार सीएम अरविंद केजरीवाल के ऑफर से संतुष्ट नहीं और उन्होंने यह ऑफर भी ठुकरा दिया है। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने परिवार को 5 लाख रुपये दिए जाने का वादा किया, लेकिन परिजन इसे अपर्याप्त बता रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के वक्त अंकित के पिता यशपाल सक्सेना, मामा संजय सक्सेना, चाचा के भाई अमित व मौसेरे भाई आशीष दुग्गल मौजूद थे। असंतुष्ट परिवार वालों ने बताया कि, 'उस दिन सीएम घर पर आए थे। हर संभव मदद को भरोसा भी दिया था। इसी बात को लेकर हम उनसे जब मिलने पहुंचे थे तो हमने अंकित के लिए जस्टिस और परिवार की आर्थिक स्थिति खराब के बारे में बताया था। सीएम ने अंकित की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अच्छे से अच्छा वकील का खर्चा उठाने का भरोसा दिया, लेकिन आर्थिक मदद के नाम पर उनका कहना था कि बहुत चीजें हैं जो दायरे के अंदर करनी पड़ती हैं। 5 लाख रुपये तक की मदद का अधिकार उनके पास है।'
मौसेरे भाई आशीष दुग्गल के मुताबिक 5 लाख रुपये की मदद के अलावा अंकित की मां के इलाज का खर्च देने की भी बात कही गई, जो अंकित को बचाने के वक्त घायल हो गई थीं। लेकिन परिवार की मांग है कि अंकित की हत्या के मामले में जल्द से जल्द इंसाफ मिले।
ऐसे हुई थी अंकित की हत्या
अंकित की हत्या गुरुवार को दिल्ली के ख्याला इलाके में हुई थी। अंकित की हत्या के आरोप में प्रेमिका के पिता, चाचा और मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि जांच के अनुसार आरोपियों ने गुरुवार की रात अंकित को पकड़कर उसकी गर्दन पर चाकू से हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने लड़की के नाबालिग भाई को छोड़कर उसके पिता, चाचा और मां को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना गुरुवार रात नौ बजे हुई जिसकी सूचना एक निजी अस्पताल कर्मी ने पुलिस को दी। पुलिस ने कहा कि इस मामले में पीसीआर को कोई काल नहीं की गई थी।