लखनऊ: उत्तर प्रदेश से नेपाल और बांग्लादेश तक कोडीन युक्त सिरप की तस्करी करने वाले सिंडिकेट से जुड़े अमित सिंह टाटा को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. झारखंड की फर्म देवकृपा अमित सिंह टाटा से जुड़ी है. अमित से पूछताछ की जा रही है. इसके पिता अशोक सिंह पर एफआईआर दर्ज है. अमित सिंह से पूछताछ से यह पुष्टि हो गई है कि कोडीन युक्त सिरप की तस्करी करने वाले सिंडिकेट का मास्टरमाइंड वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल है जो दुबई भाग चुका है. अब एसटीएस शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा के करीबियों को पकड़े में जुटेगी. एसटीएफ़ के एडीजी अमिताभ यश का दावा है कि जल्दी ही कोडीन युक्त सिरप की तस्करी में लिप्त सिंडिकेट के लोगों को पकड़ लिया जाएगा.
ऐसे पता चला कफ सिरप सिंडिकेट का :
एसटीएफ़ के अफसरों के अनुसार, गत अक्टूबर में कोडीन युक्त सिरप पीने से राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मौत हो गई थी. इसी के बाद कोडीन युक्त सिरप कोई बिक्री को बैन किया गया.इसकी बिक्री ना होने पाए इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के अधिकारियों ने दवा की दुकानों की जांच करनी शुरू की. इस पड़ताल के दौरान ही अधिकारियों को पता चला की यूपी से नेपाल और बांग्लादेश तक कोडीन युक्त सिरप अवैध तरीके से भेजा जा रहा है. यह सारा अवैध कारोबार सिंडिकेट के जरिए किया जा रहा है.
इस जानकारी के आधार पर 10 अक्टूबर को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम में छापा मारकर सिरप की बड़ी खेप पकड़ी गई थी. यहां से यह पता चला कि यूपी में कोडीन युक्त कफ सिरप हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में स्थित दवा की फैक्ट्रियों से आया था. फिर यहां से उसे यूपी के लखीमपुर खीरी,महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, आगरा आदि जिलों में दवा की दुकानों में भेजा जाता था.
इस जानकारी के आधार पर सोनभद्र और वाराणसी सहित राज्य के कई जिलों में छापे मारे गए. तो 18 अक्तूबर को सोनभद्र पुलिस ने प्रतिबंधित कफ सिरप की बड़ी खेप बरामद की और उसे इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों के बारे में पता चला.एफएसडीए के अधिकारियों को वाराणसी में भी इस सिंडिकेट से जुड़ी 26 दवा दुकानों में प्रतिबंधित कफ सिरप मिला और पता चला कि न्यू पीएल फार्मा ने जिस बालाजी मेडिकल को फेंसिडिल सिरप की आपूर्ति की है,वह काफी पहले बंद हो चुकी है. इसी तरह अन्य बंद मेडिकल स्टोरों के नाम कफ सिरप की आपूर्ति दिखाई गई.
एसटीएफ़ को इनकी तलाश :
यह खुलासा होने ही सूबे की एसटीएफ ने सिंडिकेट के फरार लोगों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया और अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार कर लिया. अमित सिंह से हुई पूछताछ में पता चला है कि उसकी और शुभम जायसवाल की झारखंड में मेडिकल की कई फर्म रजिस्टर्ड हैं, जिनके सहारे यह लोग बांग्लादेश और नेपाल तक प्रतिबंधित कफ सिरप भेजते थे. बीते कई सालों से यह लोग यह कार्य कर रहे हैं. अमित के अनुसार बांग्लादेश में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध होने से वहां कोडीन युक्त इस कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है.
इस वजह से वहां सिरप की एक शीशी चार से पांच गुना रेट पर बिकती है. नेपाल में भी कफ सिरप का इस्तेमाल दवा के रूप में कम नशे के लिए ज्यादा होता है. फिलहाल अमित से मिली जानकारी के बाद अब एसटीएफ़ इस सिंडिकेट से जुड़े मेरठ में आसिफ की खोजने में जुट गई है. यूपी पुलिस का एक बर्खास्त सिपाही भी इस सिंडिकेट से जुड़ा है, इसको भी एसटीएफ़ तलाशकर गिरफ्तार करेंगी. जबकि दुबई भाग गए शुभम जायसवाल को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी.