नई दिल्ली, 01 सितंबर: एशिया कप 218 के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है। 15 से 28 सितंबर तक यूएई में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट के लिए विराट कोहली को आराम दिया गया है और रोहित शर्मा को टीम की कमान सौंपी गई है। शिखर धवन टीम के उपकप्तान होंगे।
इंग्लैंड दौरे से चोट की वजह से बाहर रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की टीम में वापसी हुई है। एशिया कप के लिए घोषित 15 सदस्यीय भारतीय टीम में एकमात्र नया चेहरा खलील अहमद हैं। राजस्थान से आने वाले खलील को प्रतिभाशाली युवा तेज गेंदबाज माना जा रहा है जो लगातार 145 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं।
जानिए कौन हैं पहली बार टीम इंडिया में आए खलील अहमद
खलील अहमद भारतीय अंडर-19 टीम के लिए खेलने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। खलील अहमद हाल ही में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए चार देशों के वनडे टूर्नामेंट में भारत-ए टीम का हिस्सा थे और उन्होंने 4 मैचों में 119 रन देते हुए 7 विकेट झटके। साथ ही वह इंग्लैंड दौरे पर भारत-ए टीम में शामिल थे जहां उन्होंने 5 मैचों में 8 विकेट लिए थे।
20 वर्षीय खलील ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान के लिए जम्मू-कश्मीर के खिलाफ अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया है और अब तक दो मैचों में 2 विकेट लिए हैं। लेकिन उनकी असली क्षमता छोटे फॉर्मेट्स में दिखी है और अब तक वह 17 लिस्ट ए मैचों में 28 और 12 टी20 मैचों में 17 विकेट ले चुके हैं।
खलील अहमद का नाम पहली बार 2016 में सुर्खियों में तब चमका जब उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में 12 विकेट चटका दिए। भारत उस वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा और खलील के लिए नए दरवाजे खुल गए।
इसके बाद खलील को 2016 में आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स ने 10 लाख रुपये में खरीदा था और वहीं से खलील का भारतीय अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ के साथ काम करने का मौका मिला। 2018 में खलील के करियर में तब जबर्दस्त बदलाव आया जब उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने 3 करोड़ रुपये खरीदा। हालांकि इस सीजन में खलील को हैदराबाद के लिए सिर्फ एक मैच में खेलना का मौका मिला।
खलील के पिता को थी उनके क्रिकेट खेलने से नफरत!
खलील अहमद का जन्म राजस्थान के टोंक में हुआ था। एक कम्पाउंडर के बेटे खलील के लिए क्रिकेट की यात्रा कतई आसान नहीं रही है।
उनके पिता को शुरुआत में खलील के क्रिकेट खेलने से नफरत थी क्योंकि उन्हें लगता कि उससे पढ़ाई पर असर पड़ेगा। लेकिन कोच इम्तियाज अली ने खलील के पिता को समझाने और उनके क्रिकेट खेलना जारी रखने देने में अहम भूमिका निभाई।
अब इतनी कम उम्र में भारतीय टीम में जगह मिलने से खलील को एक सुनहरा अवसर मिल गया है!